छात्रों के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) अब विभिन्न शिक्षा बोर्डों द्वारा जारी 10वीं और 12वीं कक्षा के प्रमाणपत्रों को समानता (equivalence) प्रदान करेगा। इस निर्णय से छात्रों को उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश और सरकारी नौकरियों में भर्ती प्रक्रिया में आसानी होगी।
शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना ई-गजट में प्रकाशित कर दी है। यह आदेश 15 नवंबर 2021 की अधिसूचना को रद्द करता है, जिसमें यह जिम्मेदारी एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (AIU) को दी गई थी।
PARAKH के माध्यम से होगी प्रक्रिया
अब समानता निर्धारण की जिम्मेदारी नेशनल असेसमेंट सेंटर – परफॉर्मेंस असेसमेंट, रिव्यू एंड एनालिसिस ऑफ नॉलेज फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट (PARAKH) को सौंपी गई है। यह केंद्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत स्थापित किया गया है। मंत्रालय के अनुसार, यह नया ढांचा अधिक मजबूत और शैक्षणिक रूप से सटीक प्रक्रिया के माध्यम से समानता निर्धारित करेगा और उच्चतम शैक्षणिक मानकों को बनाए रखेगा।
नए नियम का दायरा
- केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा स्थापित शिक्षा बोर्डों पर।
- संसद या राज्य विधानमंडल के अधिनियम से गठित बोर्डों पर।
- कार्यपालिका के आदेश से बने बोर्डों पर।
- वैधानिक निकायों और मान्यता प्राप्त संस्थाओं पर, जिन्हें यह अधिकार प्राप्त है।
छात्रों के लिए लाभ
NCERT द्वारा दी गई यह समानता अब पूरे देश में मान्य होगी। इसका अर्थ है कि छात्रों के लिए अलग-अलग शिक्षा बोर्डों के बीच स्थानांतरण आसान होगा और उन्हें समान मान्यता प्राप्त होगी। शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह कदम इंटर-बोर्ड पारदर्शिता और सुविधा सुनिश्चित करेगा, और NCERT द्वारा प्रदान की गई मान्यता सभी स्कूल शिक्षा बोर्डों के बीच समानता स्थापित करेगी।