राम मंदिर में पूजा कर पगड़ी उतार देंगे सम्राट, सीएम नीतीश के नाम पर चर्चा में रहा मुरेठा

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और उनकी पगड़ी एक बार फिर से चर्चा में है। कारण यह है कि इस बार उपमुख्यमंत्री अपनी पगड़ी उतारने वाले हैं। आज वह अयोध्या जा रहे हैं। बुधवार को मुंडन करवाने के बाद अपनी पगड़ी प्रभु श्रीराम के चरणों में समर्पित कर देंगे। 21 महीने से सम्राट चौधरी के सिर पर बंधी पगड़ी तब चर्चा में आई जब प्रदेश अध्यक्ष ने कहा था कि वह जब तक नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर से नहीं हटा देंगे तब तक पगड़ी भी नहीं उतारेंगे। हालांकि, समीकरण बदल गया। सीएम नीतीश कुमार वापस राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में आ गए। सम्राट चौधरी भी डिप्टी सीएम बन गए। लेकिन, पगड़ी उतारने का उनका संकल्प अधूरा ही रह गया। 

श्रीराम के चरणों में सम्राट चौधरी अपनी पगड़ी समर्पित करेंगे
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के अयोध्या में पगड़ी खोलने को लेकर पटना की सड़कों पर उनके समर्थकों ने पोस्टर भी लगा दिया है। इसमें स्पष्ट लिखा कि  तीन जुलाई को अयोध्या में श्रीराम के चरणों में सम्राट चौधरी अपनी पगड़ी समर्पित करेंगे। समर्थकों ने उन्हें लवकुश का वंशज भी बताया। इस पोस्टर के बाद सियासी गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। सम्राट चौधरी के साथ पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी और अन्य कई नेता अयोध्या जा रहे हैं। 

अपनी मां के निधन के बाद सम्राट ने मुरेठा बांधा था
दरअसल, सितंबर 2022 को अपनी मां के निधन के बाद सम्राट ने मुरेठा बांधा था। इसके बाद एक सभा में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि जब तक वह नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री की कुर्सी से नहीं हटा देंगे तब तक वह पगड़ी नहीं खोलेंगे। यह बात सम्राट चौधरी ने अन्य मंचों पर भी दोहराई। उस वक्त बिहार में महागठबंधन की सरकार थी। सम्राट चौधरी लगातार सीएम नीतीश कुमार और महागठबंधन सरकार पर हमलावर रहते थे। अचानक सियासी उलटफेर हुआ और सीएम नीतीश कुमार भाजपा के साथ आ गए। इधर, महागठबंधन के नेता भी सम्राट के मुरेठा खोलने को लेकर सवाल करते आए हैं। वहीं अयोध्या जाने से पहले सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार के विकास के लिए व्यक्तिगत कुछ नहीं हो सकता है। राज्य और देश के लिए व्यक्तिगत निर्णय को भी बदला जा सकता है। 

राजद ने पूछा- ऐसी क्या मजबूरी है, जो संकल्प तोड़ना पड़ रहा
पगड़ी खोलने पर राजद के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने पूछा कि आखिर क्या मजबूरी है कि सम्राट चौधरी अपने संकल्प को तोड़ते हुए पगड़ी खोलने अयोध्या जा रहे हैं ,क्या बिहार से मुख्यमंत्री के मुद्दे पर भाजपा पूरी तरह से नीतीश के सामने नतमस्तक हो चुकी है या सत्ता के लिए किसी भी तरह से से सत्ता में बने रहने का लालच भाजपा को ऐसा करने पर मजबूर कर रही है। इन्होंने आगे कहा कि बिहार में एनडीए क्या है जितनी कव्वाली कोशिश कर ले अब बिहार की जनता का विश्वास तेजस्वी प्रसाद यादव के नेट पर मजबूत हुआ है और आने वाले समय में 2025 में तेजस्वी के प्रति बिहार के लोगों का जो समर्थन विश्वास दिख रहा है स्पष्ट रूप से सत्ता परिवर्तन का संकेत है

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