रूसी सेना में जबरन भारतीयों की भर्ती मंजूर नहीं: जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कजाखस्तान के अस्ताना में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने रूस-यूक्रेन संघर्ष क्षेत्र में फंसे भारतीयों का मुद्दा उठाया। वहीं, उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की आगामी रूस यात्रा के बारे में भी बताया। 

बहुत स्पष्ट और दृढ़ता से उठाया
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने लावरोव के समक्ष फंसे हुए भारतीयों का मुद्दा उठाया, इस पर जयशंकर ने कहा, ‘मैंने द्विपक्षीय वार्ता के दौरान इस मुद्दे को बहुत स्पष्ट और दृढ़ता से उठाया। कई भारतीयों को रूसी सेना में काम में लगाया गया है। जब वे वापस आएंगे तभी हमें पूरी सच्चाई का पता चलेगा। मगर परिस्थितियां जो भी हों, हम यह स्वीकार नहीं कर सकते कि हमारे लोग किसी किसी दूसरे देश की सेना की ओर से युद्ध क्षेत्र में हैं। मैंने उनसे कहा कि हम उनका सहयोग चाहते हैं और वे हमारे मित्र और भागीदार हैं। हमें कोई रास्ता निकालना होगा, जिससे हमारे लोग जल्द से जल्द और प्रभावी तरीके से भारत लौट सकें।’

विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि लावरोव ने इस बात की भी सराहना की और भारतीय विदेश मंत्रालय इस संबंध में रूसी रक्षा मंत्रालय से बात कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘मैंने उनसे आग्रह किया कि हमें और मजबूत फॉलोअप की जरूरत है। मैंने इसे उठाया है और मैं इसे मुद्दे पर तबतक बात जारी रखने का इरादा रखता हूं जब तक कि हमारे सभी लोग वापस नहीं आ जाते।’

पीएम मोदी की मॉस्को यात्रा पर जयशंकर
जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी रूस यात्रा पर भी बात की। उन्होंने कहा कि यह दोनों नेताओं के लिए दोनों देशों के बीच बढ़ते आर्थिक संबंधों पर एक-दूसरे से सीधे बातचीत करने का एक शानदार अवसर है।

उन्होंने आगे कहा, ‘हमारे वार्षिक शिखर सम्मेलन में थोड़ी देरी हुई है। यह एक अच्छी परंपरा है। हम दो देश हैं जिनका एक साथ काम करने का मजबूत इतिहास रहा है। हमने वार्षिक शिखर सम्मेलन की आवश्यकता को महत्व दिया। पिछले साल जब मैं मॉस्को गया था, तो मैं प्रधानमंत्री का संदेश लेकर आया था कि हम वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम इसे जल्द करेंगे।’

उन्होंने कहा, ‘यह किसी भी रिश्ते का जायजा लेने का एक तरीका है। सबसे बड़े बदलावों में से एक यह है कि रूस के साथ हमारे आर्थिक संबंध जबरदस्त रूप से बढ़े हैं। यह प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन का एक-दूसरे से सीधे बात करने का एक शानदार अवसर होगा।’

दो भारतीय नागरिकों की हुई थी मौत
आपको बता दें कि विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध में दो भारतीय नागरिकों की मौत हुई। दोनों नागरिक रूस की सेना में नियुक्त किए गए थे। एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि विदेश मंत्रालय ने उन सभी भारतीय नागरिकों की स्वदेश वापसी पर जोर दिया गया, जो रूसी सेना में कार्यरत हैं।

मंगलवार को अस्ताना पहुंचे थे जयशंकर
एस जयशंकर मंगलवार को एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अस्ताना पहुंचे थे। कजाकिस्तान के उप विदेश मंत्री अलीबेक बाकायेव ने उनका स्वागत किया। इसके बाद जयशंकर ने कजाकिस्तान के विदेश मंत्री मूरत नुरतुलू से भी मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने मध्य एशिया के साथ भारत की बढ़ती भागीदारी समेत कई मुद्दों पर चर्चा की थी।

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