12 दिन, 43 घंटे की हवाई यात्रा, पोप फ्रांसिस के जज्बे की हो रही तारीफ

पोप फ्रांसिस अगले हफ्ते कुछ ऐसा करने वाले हैं, जिसे बेहद मुश्किल माना जा रहा है। दरअसल पोप फ्रांसिस 87 साल की उम्र में 12 दिनों में 43 घंटे की हवाई यात्रा करेंगे और इस दौरान वह करीब 32 हजार किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। पोप फ्रांसिस अगले हफ्ते 12 दिवसीय यात्रा पर इंडोनेशिया, पापुआ न्यू गिनी, ईस्ट तिमोर और सिंगापुर जाएंगे। पोप फ्रांसिस बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से ग्रस्त हैं। इसके बावजूद उनके जज्बे की तारीफ हो रही है।

साल 2020 में प्रस्तावित थी इन चार देशों की यात्रा
ऐसी चर्चाएं हैं कि पोप फ्रांसिस जल्द ही कैथोलिक चर्च प्रमुख का पद छोड़ सकते हैं। पोप फ्रांसिस की यह यात्रा साल 2020 से प्रस्तावित थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण इसे स्थगित करना पड़ा। अब पोप फ्रांसिस के 88वें जन्मदिन से ठीक तीन महीने पहले यह यात्रा हो रही है। ईसाई कैलेंडर के सबसे पवित्र सप्ताह ईस्टर पर, पोप फ्रांसिस ने फ्लू से बीमार होने की वजह से कार्यक्रमों से खुद को अलग कर लिया था।

ब्रोंकाइटिस के कारण उन्हें दिसंबर में दुबई में संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता के लिए अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी थी। जून 2023 में, उन्होंने हर्निया की सर्जरी भी करवाई, जिसके कारण उन्हें 10 दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। ऐसी स्थिति में 87 वर्षीय पोप फ्रांसिस के चार देशों की यात्रा, वहां 16 भाषण और कई बैठकों में हिस्सा लेने को लेकर चिंता भी जताई जा रही है। 

अपना पद छोड़ सकते हैं पोप फ्रांसिस
पूर्व पोप बेनेडिक्ट XVI ने साल 2013 में अपने गिरते शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का हवाला देते पोप का पद छोड़ दिया था। अब ऐसा माना जा रहा है कि पोप फ्रांसिस भी उनकी राह पर चलते हुए पद छोड़ सकते हैं। हाल के वर्षों में पोप की गतिशीलता में स्पष्ट रूप से गिरावट आई है। साल 2022 से वे घुटने के दर्द और बार-बार होने वाले साइटिका या तंत्रिका तंत्र संबंधी दर्द के चलते व्हीलचेयर पर निर्भर हैं। अब फ्रांसिस को अपने विमान में चढ़ने के लिए लिफ्ट का उपयोग करना पड़ता है। वह अब प्रत्येक यात्रा की वापसी उड़ान पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान खड़े होने के बजाय बैठते हैं।

वेटिकन ने पोप के स्वास्थ्य के लिए उठाए गए किसी भी एहतियाती कदम, जैसे कि स्थानीय अस्पतालों के साथ किए गए संभावित प्रबंधों के बारे में कोई विवरण नहीं दिया है। साल 2023 की शुरुआत में फ्रांसिस की अफ्रीका यात्रा के दौरान, एक पूरी तरह से सुसज्जित आधुनिक एम्बुलेंस हर जगह पोप के साथ चलती थी ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। 

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