अमेरिका की चीन को चेतावनी- भड़काऊ हरकतें बंद कर दें

अमेरिका ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह दक्षिण चीन सागर में अपनी भड़काऊ और असुरक्षित हरकतों को बंद कर दे। अमेरिका का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब दक्षिण चीन सागर में चीन और फिलीपींस के बीच तनाव बढ़ गया है। दोनों देशों में तनाव एक घटना के बाद बढ़ा  है, जिसमें फिलीपींस कोस्ट गार्ड की एक नौका, चीन के जहाज से टकराने से बच गई। गौरतलब है कि फिलीपींस के राष्ट्रपति भी जल्द अमेरिका के दौरे पर जाने वाले हैं। 

क्या कहा अमेरिका ने
अमेरिका के गृह विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने एक बयान जारी कर कहा है कि यह घटना चीन के उत्पीड़न और दूसरे देशों को डराने का उदाहरण है। हमने बीजिंग को कहा है कि वह अपने भड़काऊ और असुरक्षित आचरण को बंद कर दे। बता दें कि अमेरिका और चीन के रिश्तों में हाल के समय में थोड़ी खटास आई हुई है। ऐसे में अमेरिका एशिया के अन्य देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने में जुटा है। चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, जबकि कई अन्य देश भी दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करते हैं, जिनमें फिलीपींस भी शामिल है। यही वजह है कि दोनों देशों के बीच विवाद बना हुआ है।

दोनों देशों के बीच अब क्यों बढ़ा है तनाव
दरअसल रविवार को फिलीपींस कोस्ट गार्ड ने दुनियाभर के कई पत्रकारों को अपने जलक्षेत्र में द्वीप और जलीय सीमा दिखाने के लिए आमंत्रित किया है। जब पत्रकारों को लेकर जा रही फिलीपींस की नौका स्प्रेटली द्वीप के पास पहुंची तो सामने से चीन के कोस्ट गार्ड का जहाज आ रहा था, जो साइज में फिलीपींस की नौका से दोगुना था। दोनों जहाज जब कुछ ही कदमों की दूरी पर रह गए तब तक भी चीन का जहाज रास्ते से नहीं हटा और दोनों नौका और जहाज टकराने की स्थिति में लगभग पहुंच ही गए थे कि फिलीपींस के कोस्ट गार्ड के जवानों ने बामुश्किल अपनी नौका को रास्ते से हटाया। वहीं चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर फिलीपींस पर ही भड़काने वाली हरकतें करने का आरोप लगा दिया है। 

फिलीपींस ने दिया जवाब
वहीं चीन के आरोप पर फिलीपींस ने कहा है कि उनकी नौका अपने जलक्षेत्र में पेट्रोलिंग कर रही थी और यह किसी भी तरह से भड़काऊ कार्रवाई नहीं है। फिलीपींस ने ये भी कहा कि वह आगे भी अपने जलक्षेत्र में इसी तरह पेट्रोलिंग करते रहेंगे। बता दें कि अमेरिका ने फिलीपींस में हाल ही में विवादित स्प्रेटली द्वीप के पास चार नए मिलिट्री बेस बनाए हैं, जबकि पांच बेस पर पहले से ही अमेरिका के जवान तैनात हैं। यही वजह है कि चीन भड़का हुआ है। 

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