इस्लामाबाद: जस्टिस आयशा मलिक पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज बन गई हैं। उन्होंने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के अंदर आयोजित एक समारोह में शपथ ली। पिछले ही हफ्ते उन्हें सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किए जाने की घोषणा हुई थी।
शपथ ग्रहण समारोह के दौरान पाकिस्तान के चीफ जस्टिस गुलजार अहमद, जस्टिस उमर बांदियाल सहित सुप्रीम कोर्ट के अन्य जज मौजूद रहे। जस्टिस बांदियाल पाकिस्तान के अगले चीफ जस्टिस बनने वाले हैं।
लाहौर हाई कोर्ट में जज थीं आयशा मलिक
जस्टिस आयशा मलिक इससे पहले लाहौर हाई कोर्ट में थीं। बहरहाल, जानकार पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज की नियुक्ति को पाकिस्तान जैसे रूढ़िवादी देश के न्यायिक इतिहास में महत्वपूर्ण लम्हा बता रहे हैं।
पाकिस्तान के कानून मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने जस्टिस मलिक की पदोन्नति को मंजूरी दे दी थी।
सुप्रीम कोर्ट की नियुक्ति से संबंधित द्विदलीय संसदीय समिति द्वारा 55 वर्षीया जस्टिस की पदोन्नति को मंजूरी दिये जाने के दो दिन बाद राष्ट्रपति से मंजूरी मिल थी।
पाकिस्तान के न्यायिक आयोग (जेसीपी) ने इस महीने की शुरुआत में उनके नाम की अनुशंसा की थी। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सांसद फारूक एच नाइक की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने उनके नामांकन को मंजूरी देते हुए वरिष्ठता के सिद्धांत को खारिज कर दिया था।
जस्टिस मलिक लाहौर हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की वरिष्ठता सूची में चौथे स्थान पर थीं। उन्होंने कहा, ‘हमने राष्ट्रहित में जस्टिस आयशा के नाम को मंजूरी दी है।’ जस्टिस मलिक को मार्च 2012 में लाहौर हाई कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। वह अब जून 2031 में अपनी सेवानिवृत्ति तक सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में काम करेंगी। वह अपनी वरिष्ठता के आधार पर जनवरी 2030 में चीफ जस्टिस बनने की कतार में होंगी।