कनाडा ने श्रीलंका के चार प्रमुख हस्तियों पर मानवाधिकार कानूनों के उल्लंघन के आरोप में प्रतिबंध लगा दिया है। ये प्रतिबंध पूर्व राष्ट्रपतियों गोटाबाया राजपक्षे, महिंदा राजपक्षे, स्टाफ सार्जेंट सुनील रत्नायके और लेफ्टिनेंट कमांडर चंदना पी हेत्तियारचिथे पर लगाया गया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने 1983 से 2009 तक श्रीलंका में सशस्त्र संघर्ष के दौरान मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है। कनाडा के विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है।
कनाडा के विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा, “कनाडा ने अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय माफी को खत्म करने के लिए आज निर्णायक कार्रवाई की है। पिछले चार दशकों में, श्रीलंका के लोगों ने सशस्त्र संघर्ष, आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता और मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन के कारण बहुत कुछ झेला है।”
महिंदा राजपक्षे 2005 से 2015 के बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति रह चुके हैं। उनके शासनकाल में गोताबाया के हाथों में रक्षा विभाग की कमान थी। वह दो बार प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं। पेशे से वकील महिंदा राजपक्षे 1970 में पहली बार श्रीलंका की संसद के लिए चुने गए थे। पहली बार वह 2004 में प्रधानमंत्री चुने गए, लेकिन अगले ही साल वह राष्ट्रपति पद तक पहुंच गए। आपको बता दें कि श्रीलंका सरकार और सेना दोनों पर ही मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप लगे थे। श्रीलंका में गृहयुद्ध के दौरान हज़ारों आम लोग मारे गए थे।