दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। जवाब में भारत ने एक के बाद एक रणनीतिक कदम उठाए हैं। इसके बाद पाकिस्तान में इसको लेकर भी खौफ का माहौल है कि भारत सैन्य अभियान भी चला सकता है। ऐसे में वह एक बार फिर अपने सदाबहार सहयोगी चीन के सामने गिड़गिड़ाया। वहीं, चीन ने भी उसके सुर में सुर मिलाए।
चीन ने सोमवार को कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव को शांत करने के लिए सभी उपायों का स्वागत करता है, जिसमें पहलगाम आतंकवादी हमाले की त्वरित और निष्पक्ष जांच भी शामिल है। संप्रभुता और सुरक्षा की रक्षा के मुद्दे पर उसने अपने सदाबहार सहयोगी पाकिस्तान का भी समर्थन किया।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने एक नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, चीन उन सभी उपायों का स्वागत करता है, जो मौजूदा स्थिति को शांत करने में मदद करते हैं और जल्द निष्पक्ष और न्यायपर्ण जांच का समर्थन करता है। इस दौरान उनसे सवाल किया गया कि क्या बीजिंग जांच में शामिल होगा, क्योंकि रूसी मीडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान चाहता है कि चीन और रूस पहलगाम आतंकी हमले की जांच में शामिल हों। जियाकुन इस सवाल का जवाब देने से बचते हुए नजर आए।
जियाकुन ने इस सवाल को भी टाल दिया, जिसमें पूछा गया था कि किसी भी जांच की निष्पक्षता और विश्वसनीयता पर उसका क्या विचार है, क्योंकि पाकिस्तान पर जम्मू-कश्मीर में सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित करने का आरोप है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, चीन के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों पड़ोसी हैं। उन्होंने कहा, चीन उम्मीद करता है कि दोनों देश संयम दिखाएंगे। आपसी मतभेदों को संवाद और परामर्श के जरिए ठीक से निपटाएंगे और क्षेत्र में शांति व स्थिरता बनाए रखने के लिए मिलकर काम करेंगे। उन्होंने आगे कहा, भारत और पाकिस्तान दक्षिण एशिया के महत्वपर्ण देश हैं। दोनों देशों के बीच शांति पूर्ण सह-अस्तित्व क्षेत्र की शांति व विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
चीन ने 23 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में खौफनाक आतंकवादी हमले की निंदा की थी। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। हालांकि, भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चीन की पहली प्रतिक्रिया तब आई, जब पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने रविवार को चीन के शीर्ष राजनयिक वांग यी से फोन पर बात की और बीजिंग का समर्थन का मांगा।
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुतताबिक, डार के अनुरोध पर वांग ने फोन पर बात की थी। वांग ने कहा कि चीन इस घटनाक्रम पर करीब से नजर रखे हुए है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पूरी दुनिया की साझा जिम्मेदारी है। उन्होंने पाकिस्तान के कथित आतंकवाद विरोधी प्रयासों के लिए चीन के निरंतर समर्थन को भी दोहराया।
उन्होंने कहा, एक मजबूत दोस्त और सदाबहार रणनीतिक सहयोगी के रूप में चीन पाकिस्तान की वैध सुरक्षा चिंताओं को पूरी तरह समझता है और पाकिस्तान को अपनी संप्रभुता और सुरक्षा हितों की रक्षा करने में समर्थन देता है। वांग ने यह भी कहा, चीन त्वरित और निष्पक्ष जांच का स्वागत करता है और मानता है कि संघर्ष न तो भारत और न ही पाकिस्तान और न ही ही क्षेत्रीय शांति व स्थिरता के लिए फायदेमंद है। हालांकि, सिंधु जल संधि के निलंबन पर उन्होंने कोई भी टिप्पणी नहीं की।