खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर की मौत के बाद से ही कनाडा और भारत के रिश्तों में खटास आई है। जिसके कारण भारत और कनाडा के राजनयिक संबंधों में तनातनी दिखी। कनाडा के पीएम ने अपने संसद में भारत की खुफिया एजेंसी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि निज्जर की मौत के पीछे भारतीय खुफिया एजेंसी का हाथ है। जिसके बाद से ही दोनों देशों के संबंधों में खासा तल्खियां देखने को मिली हैं। भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकी घोषित किया था। वहीं जस्टिन ट्रूडो के आरोपों को बेतुका और पूर्वाग्रह से ग्रसित बताते हुए खारिज किया था।
ट्रूडो बोल- अंतरराष्ट्रीय कानूनों को बनाए रखें
भारत द्वारा वर्चुअल जी20 नेताओं का शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने अपने संबोधन में ‘कानून के शासन’ और ‘अंतरराष्ट्रीय कानूनों को बनाए रखने की जरूरतों पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने कहा, लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए हमें अहम कदम उठाने होंगे। ट्रूडो के कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि सितंबर में आयोजित हुई जी20 की बैठक में सर्वसम्मति से पारित लक्ष्यों और उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए इस वर्जुअल शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया।
ट्रूडो ने कहा-सबको साथ लेकर चलना होगा
कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कहा, वित्तीय संस्थान सुधार, लैंगिक समानता, डिजिटल प्रौद्योगिकी समेत कई वैश्विक प्राथमिकताओं को लेकर आगे बढ़ना होगा। साथ ही कहा, विश्व के लोगों के लिए मजबूत, स्वस्थ भविष्य का निर्माण करना होगा। निम्न, निम्न-मध्यम आय वाले देशों की आवश्यक वित्त पोषण व्यवस्थाओं तक पहुंच बनाने पर भी प्रकाश डाला गया।
युद्धों ने लोगों को प्रभावित किया-ट्रूडो
यूक्रेन-रूस युद्ध का जिक्र करते हुए ट्रू़डो ने रूस की जमकर निंदा की। उन्होंने कहा, इन युद्धों से सबसे निर्बल लोग वैश्विक प्रभावों से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। इस दौरान फिर से उन्होंने कानून के शासन का पालन करने के महत्व पर जोर दिया है। अपने संबोधन में उन्होंने हमास-इस्राइल युद्ध की भी निंदा की। कनाडाई पीएम ने इस युद्ध में बंधक बनाए गए लोगों को रिहा करने का आग्रह किया है और गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने पर ध्यान केंद्रित किया।