कनाडा के लोग सोमवार को एक नई सरकार के लिए मतदान करेंगे। इसकी तैयारी हो चुकी है। यह चुनाव अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ युद्ध और कनाडा को 51वां राज्य बनाने की उनकी धमकियों के कारण उलट गया है। करीब डेढ़ माह पूर्व सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी के पूर्व पीएम जस्टिन त्रूदो के समय पार्टी जहां हार की कगार पर थी वहीं अब नए पीएम मार्क कार्नी ने ट्रंप की धमकियों को जनता के बीच राष्ट्रवाद से जोड़कर पार्टी को आगे ला खड़ा किया है।
कनाडा के अंदरूनी मामलों में ट्रंप की धमकियों से आहत लोगों में कार्नी ने राष्ट्रवाद की फसल मात्र डेढ़ माह में बो दी और जनमत सर्वेक्षण में वह विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी से आगे निकल गए। सोमवार को देश भर के मतदाता हाउस ऑफ कॉमन्स के सभी 343 सदस्यों का चुनाव करेंगे। कनाडा के चुनाव में लिबरल प्रत्याशी 60 वर्षीय कार्नी ने बैंक ऑफ कनाडा का नेतृत्व करते हुए वित्तीय संकटों को सफलतापूर्वक संभाला और बाद में बैंक ऑफ इंग्लैंड का संचालन किया। कंजर्वेटिव नेता पियरे पोइलिव्रे, कार्नी के मुख्य प्रतिद्वंद्वी हैं।
कार्नी बेहतर उम्मीदवार
कनाडा में जस्टिन ट्रूडो के वक्त उनकी पार्टी की सरकार की नीतियों के चलते देश में महंगाई और मकान की कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ गई थीं। साथ ही आप्रवासियों की बढ़ती तादाद को लेकर भी कनाडा के लोग ट्रूडो सरकार से नाराज थे। बढ़ते दबाव पर उनके इस्तीफे के बाद मार्क कार्नी नए नेता चुने गए और चुनाव की समयसीमा अक्तूबर तक होने पर भी उन्होंने सत्ता संभालते ही चुनाव में जाने का एलान कर दिया और संसद भंग कर अप्रैल में ही चुनाव कराने का फैसला किया। वह ट्रूडो से बेहतर साबित हो रहे हैं।
कनाडा चुनाव में ट्रंप की भूमिका अहम
अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा पर भारी टैरिफ लगा दिए और साथ ही कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की मंशा जाहिर कर दी। कनाडा की सरकार ने इसका कड़ा विरोध किया। मार्क कार्नी ने अमेरिका के आगे झुकने से इनकार कर दिया। इससे लोगों में मार्क कार्नी का समर्थन बढ़ा औऱ साथ ही एक राष्ट्रवाद की भावना का भी उदय हुआ है। इसका सीधा लाभ लिबरल पार्टी को मिला है। जो लिबरल पार्टी कुछ माह पहले तक सर्वे में बुरी तरह पिछड़ रही थी, वो ही लिबरल पार्टी अब एक बार फिर से सरकार बनाने के लिए तैयार दिख रही है।
सत्ताधारी दल को प्रमुखता
ताजा सर्वेक्षण के अनुसार, अगर आज चुनाव होते हैं तो लिबरल पार्टी 43% समर्थन के साथ 196 सीटें जीत सकती है। वहीं विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी को 122 सीटें मिल सकती हैं। एनडीपी को सिर्फ पांच और ब्लॉक क्युबेकोइस पार्टी को 19 सीटें मिल सकती हैं।
कमजोर पड़े पोइलिवरे..
गौरतलब है कि कुछ माह पहले तक, विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के पियरे पोइलिवरे अगले पीएम के दावेदार बन रहे थे। उन्होंने ट्रंप के ‘अमेरिका फर्स्ट’ के नारे की तरह ‘कनाडा फर्स्ट’ का नारा भी दिया, लेकिन अब वह कमजोर पड़ते दिख रहे हैं।