हमास का प्रोपेगैंडा फैलाने के आरोप में भारतीय शोधकर्ता पर निर्वासन का खतरा, वर्जीनिया से गिरफ्तार

अमेरिका में जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत एक भारतीय शोधकर्ता को आव्रजन अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया है और उसे निर्वासित किया जा सकता है। उनके वकील ने इसकी जानकारी दी है। पॉलिटिको की रिपोर्ट के अनुसार, पोस्ट-डॉक्टरल फेलो बदर खान सूरी को सोमवार रात वर्जीनिया में उसके घर के बाहर “नकाबपोश एजेंटों” ने गिरफ्तार किया।

मुकदमे में कहा गया है कि एजेंटों ने स्वयं को होमलैंड सुरक्षा विभाग का कर्मचारी बताया और कहा कि सरकार ने उसका वीजा रद्द कर दिया है। सूरी पर “हमास का दुष्प्रचार फैलाने” का आरोप लगाया गया है। कहा जाता है कि उनके “किसी ज्ञात या संदिग्ध आतंकवादी से घनिष्ठ संबंध हैं।”

होमलैंड सिक्योरिटी विभाग की सहायक सचिव ट्रिशिया मैकलॉघलिन ने एक्स पर लिखा, “सूरी जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में एक फॉरेन एक्सचेंज छात्र है, वह सक्रिय रूप से हमास का दुष्प्रचार करता रहा है और सोशल मीडिया पर यहूदी विरोधी भावना को बढ़ावा दे रहा है।”

ट्रिशिया ने लिखा, “सूरी का एक ज्ञात या संदिग्ध आतंकवादी से घनिष्ठ संबंध है, जो हमास का वरिष्ठ सलाहकार है। विदेश मंत्री ने 15 मार्च, 2025 को एक निर्णय जारी किया कि सूरी की गतिविधियां और संयुक्त राज्य अमेरिका में उपस्थिति उसे INA धारा 237(a)(4)(C)(i) के तहत निर्वासन योग्य बनाती है।”

पोलिटिको के अनुसार, सूरी के वकील हसन अहमद ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि सूरी को उनकी पत्नी, जो एक अमेरिकी नागरिक हैं, की फिलिस्तीनी विरासत के कारण दंडित किया जा रहा है। उनकी पत्नी मेफेज सालेह जो गाजा की हैं। वह जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय के समकालीन अरब अध्ययन केंद्र में प्रथम वर्ष की छात्रा हैं।

उन्होंने फलस्तीन स्थित गाजा के इस्लामिक विश्वविद्यालय से पत्रकारिता और सूचना में स्नातक की डिग्री ली है। उन्होंने भारत में नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया में नेल्सन मंडेला सेंटर फॉर पीस एंड कॉन्फ्लिक्ट रेजोल्यूशन से संघर्ष विश्लेषण और शांति स्थापा में मास्टर्स डिग्री भी प्राप्त की है।

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