इस्राइली सैनिकों द्वारा गलती से अपने ही तीन बंधकों को मारने के एक दिन बाद इस्राइल सुरक्षा बल के प्रमुख जनरल स्टाफ एलटीजी हर्जी हलेवी ने सैनिकों से बात की। उन्होंने भविष्य में इस तरह की स्थिति के दोबारा होने की आशंका जताई है। उन्होंने अपने सैनिकों से आग्रह किया कि यदि दो लोग बिना शर्ट के हाथ उठाकर हो, तो उनके साथ सावधनी बरतनी चाहिए। हलेवी नो कहा कि यदि दो गाजावासी भी सफेद झंडे के साथ सरेंडर करने आए तो उनपर हमला नहीं करना चाहिए।
घटना के बाद हलेवी ने दिया बयान
हलेवी ने कहा, नहीं, बिल्कुल भी नहीं। यह आईडीएफ नहीं हो सकता। आईडीएफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने प्रमुख के निर्देश को पोस्ट किया, जिसमें हलेवी ने कहा, ‘आप दो लोगों को बिना शर्ट के हाथ ऊपर करते हुए देखते हैं तो दो सेकेंड लीजिए। मैं आपको कुछ महत्वपूर्ण बताना चाहता हूं कि यदि दो गाजावासी भी सफेद झंडे के साथ सरेंडर करने आते हैं तो हम उनपर गोली क्यों चलाएंगे। बिल्कुल भी नहीं यह आईडीएफ नहीं है।’
रक्षा मंत्री ने ली घटना की जिम्मेदारी
आईडीएफ प्रमुख का बयान तब आया जब इस्राइली सुरक्षा बल ने शुक्रवार को अपने ही तीन बंधकों को खतरा मानते हुए मार डाला। आईडीएफ प्रवक्ता डेनियल हगरी ने घटना की जानकारी देते हुए कहा कि वे इस दुखद घटना के लिए जिम्मेदार है। शनिवार को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस घटना पर शोक जताया। उन्होंने कहा, ‘इस खबर ने मेरा दिल तोड़ दिया। इसने देश का दिल तोड़ दिया।’
इस्राइली रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा कि वह इस दुखद आकस्मिक हत्या की जिम्मेदारी लेते हैं। उन्होंने कहा, ‘एक रक्षा मंत्री होने के नाते मैं इस घटना की जिम्मेदारी लेता हूं। में इस युद्ध में होने वाली सभी उपलब्धियों, लागतें और गलतियों की जिम्मेदारी लेता हूं।’
बता दें कि सात अक्तूबर को हमास के आतंकियों ने इस्राइल पर हमला किया था, जिसमें करीबन 1200 इस्राइली नागरिकों की मौत हो गई थी। हमास ने कुछ इस्राइलियों को बंधक भी बना लिया था। वहीं इस हमले का पलटवार करते हुए इस्राइली सुरक्षा बल ने गाजा पट्टी को मलवे में तबदील कर दिया। उन्होंने यहां की स्कूलों और चिकित्सा केंद्रों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। इस्राइल-हमास युद्ध में अबतक 20 हजार के करीब लोग मारे जा चुके हैं।