पश्चिमी नेपाल में भीषण भूकंप से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। नेपाल पुलिस ने बताया कि भूकंप में मृतकों की संख्या बढ़कर 143 हो गई है। 100 से अधिक लोगों के घायल होने की भी सूचना है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नेपाल में आए भूकंप के कारण कई घर ध्वस्त हो गए हैं।
घायलों और मृतकों के बारे में पुलिस का बयान
शुक्रवार देर रात भूकंप के झटकों से कांपी धरती के बारे में नेपाली अधिकारियों ने बताया, रुकुम पश्चिम में 38 लोगों की मौत हो हुई है, जबकि जाजरकोट जिले में 105 लोगों की जान गई है। भूकंप के बाद से रेस्क्यू फोर्स बचाव अभियान में जुटी है। खबरों के मुताबिक नेपाल पुलिस ने 166 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है।
पीएम सचिवालय ने कहा, मृतकों का आंकड़ा बढ़ा
शनिवार देर शाम प्रधानमंत्री सचिवालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि नेपाल में भूकंप के बाद मृतकों का आंकड़ा 157 तक पहुंच चुका है। घायलों की संख्या पर नेपाल के प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि कुल 161 लोगों की मौत हो चुकी है।
भारत ने आपातकालीन सहायता नंबर जारी किया
भारत ने नेपाल में रहने वाले भारतीय भूकंप पीड़ितों के लिए एक आपातकालीन संपर्क नंबर जारी किया है। जिन लोगों को तत्काल सहायता की जरूरत है, वे आपातकालीन संपर्क नंबर: +977-9851316807 पर संपर्क कर सकते हैं। विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी इस नंबर पर संपर्क कर भूकंप प्रभावित लोग मदद की अपील कर सकते हैं।
रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता
बता दें, शुक्रवार रात करीब 11.30 बजे नेपाल के पश्चिमी इलाके में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.4 मापी गई है। वहीं, प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड जाजरकोट पहुंच गए हैं। उन्होंने कल रात क्षेत्र में आए भूकंप से प्रभावित लोगों से मुलाकात की। साथ ही, भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने भूकंप के कारण हुई जान-माल की हानि पर दुख व्यक्त किया है।
भूकंप को लेकर काठमांडू में एक बैठक
नेपाल गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नारायण प्रसाद भट्टाराई ने कहा कि उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने देश में आए भूकंप को लेकर काठमांडू में एक बैठक की। बैठक में कुछ फैसले लिए गए। बिजली आपूर्ति और संचार व्यवस्था फिर से शुरू करने का भी फैसला किया गया। इसके अलावा, नेपाल टेलीकॉम को प्रभावित क्षेत्रों में आने वाले पांच दिनों के लिए अपनी सेवाएं मुफ्त करने का आदेश दिया गया है।
40 सेकंड तक लगे झटके
नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप मापन केंद्र के अधिकारियों के अनुसार, रात 11.47 बजे भूकंप आया, जिसका केंद्र जाजरकोट में जमीन के नीचे 10 किलोमीटर की गहराई में था। भूकंप का असर भारत और चीन में भी महसूस किया गया। भारत में भी करीब 40 सेकंड तक झटके महसूस किए गए।
काठमांडू में सड़कों पर डरे सहमे दिखे लोग
वहीं, नेपाल की राजधानी काठमांडू और आसपास के इलाकों में भूकंप का तेज झटका महसूस किया गया। जाजरकोट काठमांडू से लगभग 500 किलोमीटर पश्चिम में है। भूकंप का झटका महसूस होते ही काठमांडू में लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। इस दौरान लोग सड़कों पर डरे सहमे दिखे।
प्रधानमंत्री प्रचंड ने जान-माल के नुकसान पर दुख जताया
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने भूकंप के कारण जान-माल के नुकसान पर दुख व्यक्त किया है। नेपाल के पीएमओ ने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने शुक्रवार रात 11.47 बजे जाजरकोट के रामीडांडा में आए भूकंप से हुई मानवीय और घरों की क्षति पर गहरा दुख व्यक्त किया है। घायलों के तत्काल बचाव और राहत के लिए सभी तीन सुरक्षा एजेंसियों को लगाया गया है।
प्रधानमंत्री लेंगे भूकंप प्रभावित इलाकों का जायजा
वहीं, उन्होंने देश के भूकंप प्रभावित इलाकों का दौरा करने का फैसला लिया है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक भूकंप प्रभावित इलाकों में हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री प्रचंड दौरे पर रवाना हुए। प्रधानमंत्री ‘प्रचंड’ भूकंप प्रभावित लोगों से मिलने जाजरकोट पहुंचे। अधिकारियों को नेपालगंज हवाई अड्डे के हेलीपैड और सैन्य बैरक के पास एम्बुलेंस तैनात करने के लिए कहा गया है।
भारतीय पीएम ने भी जताया दुख
भारत के पीएम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल में भूकंप के कारण हुई जान-माल की हानि पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्वीट कर कहा, ‘भारत नेपाल के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। हमारी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।’
इन अस्पतालों में घायलों को रखा जाएगा
नेपाल के एक अधिकारी ने बताया कि भेरी अस्पताल, कोहलपुर मेडिकल अस्पताल, नेपालगंज के सेना अस्पताल और पुलिस अस्पताल को भूंकप से प्रभावितों लोगों के लिए समर्पित कर दिया गया है। इसके अलावा, हेली ऑपरेटरों को तैयार रहने को कहा है। साथ ही साथ घायलों को प्रभावित क्षेत्रों से लाने की सुविधा के लिए नियमित उड़ान आवाजाही निलंबित कर दी गई है। नेपालगंज हवाई अड्डे और सैन्य बैरक हेलीपैड पर एक एंबुलेंस तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं।
2015 में आया था 7.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप
बता दें, हिमालयी देश नेपाल में भूकंप आना आम बात है। वर्ष 2015 में 7.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने पूरे देश का हिलाकर रख दिया था, जिसमें 12,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और हजारों घर ध्वस्त हो गए थे।