संयुक्त राष्ट्र महासभा में नेतन्याहू का भाषण, कई देशों ने किया बहिष्कार

संयुक्त राष्ट्र महासभा में शुक्रवार को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का संबोधन उस समय हुआ जब गाजा युद्ध को लेकर दुनिया भर में आलोचना तेज़ है। उनके भाषण से पहले ही कई देशों के प्रतिनिधि हॉल से बाहर चले गए, जिसके चलते सभा कक्ष लगभग खाली नजर आया।

हालांकि, नेतन्याहू के हर बयान पर इजराइली प्रतिनिधिमंडल ने तालियां बजाईं। उन्होंने गर्व से बताया कि इजराइल ने हाल ही में लेबनान में हिजबुल्लाह के सैकड़ों पेजर डिवाइस उड़ा दिए। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, इन धमाकों में 37 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें बच्चे भी शामिल थे, जबकि करीब तीन हजार लोग घायल हुए।

ईरान, हिजबुल्लाह और हूती पर वार का जिक्र
अपने संबोधन में नेतन्याहू ने ईरान और उसके सहयोगी संगठनों के खिलाफ इजराइल की सैन्य कार्रवाइयों को रेखांकित किया। उन्होंने दावा किया कि पिछले एक साल में हूती विद्रोहियों पर कई हमले किए गए, हमास की अधिकांश ताकत को कमजोर किया गया और हिजबुल्लाह के नेताओं व हथियारों को निशाना बनाया गया।

“हमास का खतरा अभी बाकी है”
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि भले ही हमास काफी कमजोर हो चुका है, लेकिन उसका खतरा खत्म नहीं हुआ है। नेतन्याहू ने कहा, “हमारे सैनिकों की बहादुरी और जनता के संकल्प के चलते इजराइल अपने सबसे अंधेरे दौर से उभर सका है। लेकिन हमास को पूरी तरह खत्म करना अभी बाकी है।”

ट्रंप से मुलाकात करेंगे नेतन्याहू
भाषण के दौरान उन्होंने यह भी घोषणा की कि वे सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। ट्रंप पहले ही संकेत दे चुके हैं कि वह वेस्ट बैंक को अपने में मिलाने की किसी भी कोशिश को रोकेंगे। यह बयान ऐसे समय आया है जब हाल ही में अरब नेताओं के साथ अमेरिका की शांति योजना पर चर्चा हुई है।

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