पाकिस्तान चुनाव आयोग ने आठ फरवरी को देश में हुए आम चुनावों में पांच फीसदी महिलाओं को प्रत्याशी न बनाने पर राजनीतिक दलों को तलब किया है। आयोग ने चार सितंबर को राजनीतिक दलों के नेताओं को पेश होकर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। ्पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने कानून का पालन न करने पर जमात-ए-इस्लामी (जेआई), अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी), बलूचिस्तान नेशनल पार्टी (बीएनपी), तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) समेत 10 अन्य पार्टियों के प्रमुखों को नोटिस जारी किया है।
पाकिस्तान में चुनाव अधिनियम की धारा 206 के तहत आम चुनाव और प्रांतीय विधानसभा चुनावों में सामान्य सीटों पर कम से कम पांच फीसदी महिलाओं को प्रत्याशी बनाना राजनीतिक दलों के लिए जरूरी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आयोग ने इस मुद्दे को लेकर पार्टी के नेताओं को चार सितंबर को पेश होने के लिए कहा है। आठ फरवरी को देश में हुए चुनावों में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने नेशनल असेंबली की 265 सीटों में से 93 पर जीत हासिल की थी। जबकि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने 75 सीटें और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) 54 सीटों पर जीत प्राप्त की।
बिलावल भुट्टो जरदारी की पीपीपी और अन्य छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन सरकार बनाकर चार मार्च को शहबाज शरीफ ने दूसरी बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। इस गठबंधन में पीपीपी के अलावा मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम-पी), पाकिस्तान मुस्लिम लीग (क्यू), बलूचिस्तान अवामी पार्टी, पाकिस्तान मुस्लिम लीग (जेड), इस्तेहकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी और नेशनल पार्टी शामिल रही।
आरक्षित सीटों को लेकर हुआ था विवाद
इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) 8 फरवरी को हुए आम चुनाव में चुनाव चिन्ह पर नहीं लड़ सकी थी क्योंकि चुनाव आयोग ने पार्टी का चुनाव चिन्ह खारिज कर दिया था। जिसके बाद पीटीआई महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीटों पर दावा नहीं कर सकी, जो आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर राजनीतिक पार्टियों को दी जाती हैं। ऐसे में आरक्षित सीटों पर दावे के लिए पीटीआई समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवार सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल में शामिल हो गए थे। इसके बाद सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल ने आरक्षित सीटों पर दावा किया, लेकिन पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल के दावे को खारिज कर दिया।