‘पॉप म्यूजिक और इंटरनेट भड़का सकते हैं क्रांति’, चीन में छात्रों को नई पाठ्यपुस्तक में दी गई चेतावनी

चीन के विश्वविद्यालयों की एक नई पाठ्यपुस्तक में चेतावनी दी गई है कि रॉक एन रोल, पॉप संगीत और इंटरनेट का उपयोग चीनी युवाओं के बीच ‘रंग क्रांति’ भड़काने के लिए किया जा सकता है। माना जा रहा है कि यह राष्ट्रपति शी जिनपिंग के वैचारिक नियंत्रण को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है। 

बीजिंग ‘रंग क्रांति’ कोड का इस्तेमाल पश्चिमी देशों के ऐसे प्रयासों के लिए करता है, जो देश के लोगों के बीच इस मकसद से घुसपैठ के लिए किए जाते हैं कि वे मौजूदा शासन को सत्ता से हटा सकें। यह किताब राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर है। इसका विमोचन पिछले हफ्ते किया गया था। इसे युवाओं पर वैचारिक नियंत्रण मजबूत करने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है। 

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार के प्रवक्ता ने पीपुल्स डेली अखबार को बताया कि किताब ‘नेशनल सिक्योरिटी ऐजुकेशन रेडीयर फॉर कॉलेज स्टुडेंट्स’ को विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय सुरक्षा पर पाठ पढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। राज्य प्रसारक सीसीटीवी के मुताबिक, प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों को भी नई पाठ्यपुस्तकें दी गई हैं, जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा और पारंपरिक संस्कृति पर जोर दिया गया है।

इस किताब में कहा गया है कि विश्वविद्यालय के छात्रों को पश्चिमी लोकप्रिय संस्कृति से सतर्क रहना चाहिए और ऑनलाइन सर्फिंग करते समय रंग क्रांति के जाल से बचना चाहिए। किताब में चेतावनी दी गई है कि इंटरनेट एक प्रमुख संचार माध्यम है। पॉप और रॉक संगीत जैसे लोकप्रिय सांस्कृतिक तत्व अक्सर ‘रंग क्रांति’ के कवर के रूप में इस्तेमाल होते हैं। 

किताब में ट्यूनिशिया की 2010 की जैस्मिन क्रांति और उसके बाद हुए अरब विद्रोह को रंग क्रांति को उदाहरण के रूप में पेश किया गया है और तर्क दिया गया है कि इन आंदोलनों के कारण उन देशों में अस्थिरता पैदा हुई। नई पाठ्यपुस्क शी जिनपिंग के राष्ट्रीय सुरक्षा पर दिए गए विभिन्न भाषणों पर आधारित है। शी ने सितंबर 2018 में आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन में ‘विदशी ताकतों’ से खतरे पर प्रकाश डाला था। इस सम्मेलन का आयोजन कम्युनिस्ट पार्टी ने किया था। इसमें नए दौर की शिक्षा की रणनीतियां और योजनाएं बनाई गईं थीं। 

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