रूस-यूक्रेन युद्ध की लपटों के बीच एक अस्थायी राहत की खबर सामने आई है. ईस्टर के मौके पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने युद्धविराम यानी सीजफायर की घोषणा की है. यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर है और हाल के हफ्तों में कई जानें गई हैं.
सीजफायर का यह फैसला मानवीय सहायता और धार्मिक पर्व की गरिमा को देखते हुए लिया गया है, जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय संभावित शांति के संकेत के रूप में देख रहा है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शनिवार रात 8:30 बजे से लेकर रविवार की आधी रात तक सीजफायर लागू करने की घोषणा की है.
पुतिन ने क्यों किया सीजफायर का ऐलान
पुतिन ने कहा कि यह फैसला पूरी तरह मानवीय दृष्टिकोण से लिया गया है ताकि ईस्टर जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक अवसर पर आम नागरिकों को राहत मिल सके. हालांकि यह विराम केवल कुछ घंटों के लिए है, लेकिन इसे युद्ध से थके लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत माना जा रहा है.
पुतिन ने उम्मीद जताई कि यूक्रेन भी इस पहल को सकारात्मक रूप से लेगा और इस सीजफायर का पालन करेगा. उन्होंने कहा कि यदि यूक्रेन वाकई में शांति चाहता है, तो उसे भी रूस की तरह युद्धविराम की घोषणा करनी चाहिए. पुतिन ने जोर दिया कि ईस्टर सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि दया भावना और अस्तित्व का प्रतीक है. इस अवसर पर हथियारों को शांत रखना ही सबसे उपयुक्त निर्णय है.
यूक्रेन ने सीजफायर का पालन नहीं किया तो…
हालांकि, पुतिन ने यह भी साफ किया कि यदि यूक्रेन की ओर से सीजफायर का उल्लंघन होता है, तो रूसी सेना को तुरंत कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा. उन्होंने अपने सैन्य कमांडरों को निर्देश दिया कि सेना पूरी तरह सतर्क रहे और किसी भी हमले की स्थिति में जवाब देने के लिए तत्पर हो. इसका मतलब यह है कि सीजफायर एकतरफा नहीं है, बल्कि यह आपसी सहमति और सम्मान पर आधारित है.
इस युद्धविराम की घोषणा के बाद अब निगाहें यूक्रेन की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं. क्या कीव सरकार भी इसी भावना के साथ शांति का हाथ बढ़ाएगी, या फिर यह अवसर भी पहले की तरह एक असफल प्रयास बनकर रह जाएगा? अभी तक यूक्रेन की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन पश्चिमी देश और अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं इस सीजफायर को एक संभावित संवाद की शुरुआत के तौर पर देख रही हैं.