बांग्लादेश में मचे सियासी बवाल ने मोहम्मद यूनुस के सत्ता से विदाई की मुनादी कर दी है. चंद महीनों की सत्ता के बाद ही मोहम्मद यूनुस के खिलाफ बगावत के शोले भड़क उठे हैं. कट्टरपंथी पॉलिसी को आगे बढ़ाने वाले मोहम्मद यूनुस के खिलाफ अब उन्हीं के साथियों ने बगावत कर दी है. जिसमें पहला नाम है नाहिद इस्लाम का. वो नाहिद इस्लाम जिन्होंने अपने छात्र आंदोलन से शेख हसीना की सरकार को उखाड़ फेंका और यूनुस को सत्ता सौंप दी, लेकिन जल्द ही उन्हें समझ आ गया कि कट्टरपंथी के हाथों की कठपुतली यूनुस को सत्ता सौंपना कितनी बड़ी गलती थी. वहीं अब सेना प्रमुख ने भी यूनूस के पर कतरने शुरू कर दिए हैं यानी यूनुस के तड़ीपार होने की तारीख नजदीक आ गई है.
बांग्लादेश में बगावत और बवाल के बाद बदलाव का सियासी शंखनाद हो गया है. शांति के दूत का सिंहासन डोलने लगा है क्योंकि डोलने लगा है उन साथियों का यूनुस पर से विश्वास. जिन्होंने बांग्लादेश की सत्ता के सर्वोच्च सिंहासन पर यूनुस का राजतिलक किया था. आज की तारीख में बांग्लादेश में ये चेहरा किसी परिचय का मोहताज नहीं. ये कोई और नहीं बल्कि शेख हसीना के खिलाफ जंग का वो सेनापति है. जिसने दशकों से बांग्लादेश की सत्ता पर काबिज शेख हसीना सरकार को उखाड़ फेंका. नाम है नाहिद इस्लाम.
जिस पर किया विश्वास, अब वही बगावत पर
ये नाहिद इस्लाम ही थे जिन्होंने बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के खिलाफ बगावत की वो जंग छेड़ी जिसके तूफान में अवामी लीग सरकार तहस नहस हो गई. शेख हसीना के जाने के बाद नाहिद ने पूरे विश्वास के साथ मोहम्मद यूनुस के हाथों में सत्ता सौंपी थी. उन्हें विश्वास था कि य़ूनुस बांग्लादेश को एक बेहतर और सुंदर देश बनाएंगे लेकिन ऐसा हो न सका.
सत्ता के नशे में चूर यूनुस ने ऐसा रंग बदला कि बांग्लादेश हिंसा की आग में जल उठा.अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं पर कट्टरपंथी जमात ने ऐसा जुल्म ढाया कि पूरी दुनिया बांग्लादेश का हाल देखकर सहम उठी. जब इतने से भी मन नहीं भरा तो यूनुस पाकिस्तान की गोद में जा बैठे.उस पाकिस्तान की गोद में जिसके जुल्मों से आजादी शेख हसीना के पिता और बंगबंधु के नाम से मशहूर मुजीबुर रहमान ने दिलाई थी.
जैसे ही पाकिस्तान का बांग्लादेश में दखल बढ़ा. एक प्यारा सा देश कट्टरपंथियों का वो अड्डा बन गया. जिसने बांग्लादेश के दामन को रक्तरंजित कर दिया लेकिन अब देर से ही सही लेकिन नाहिद इस्लाम ने यूनुस की विदाई की जमीन तैयार कर दी है. नाहिद इस्लाम ने यूनुस सरकार के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है और इसकी शुरुआत उन्होंने मंत्रीपद से इस्तीफा देकर किया.
ADSM के साथ मिलकर पार्टी बनाएंगे
देश की जो वर्तमान परिस्थिति है, उसमें राजनीतिक शक्ति के उत्थान के लिए हमारा प्रयोजन, गणतांत्रिक परिवर्तन की आकांक्षा का था. इसके लिए जो छात्र-शक्ति थी, उसको फिर से संगठित करने के लिए हमने ये फैसला लिया है कि हम सरकार से बाहर रहकर अपनी भूमिका निभाएंगे. नाहिद इस्लाम यूनुस कैबिनेट में सूचना सलाहकार के पद पर तैनात थे. नाहिद यूनुस सरकार के कामकाज से नाराज चल रहे थे साथ आरक्षण के मुद्दे को लेकर भी यूनुस सरकार से उनकी नाराजगी थी. नाहिद ने ऐलान किया कि जल्द ही वो JNC और भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन ADSM के साथ मिलकर पार्टी बनाएंगे.
नाहिद के इस ऐलान ने यूनुस के लिए खतरे की घंटी बजा दी है क्योंकि यूनुस जानते हैं कि सरकारों की जड़ों को अगर कोई उखाड़ फेंकने की हिम्मत कर सकता है तो वो सिर्फ और सिर्फ छात्र आंदोलन ही है.नाहिद के इस ऐलान ने यूनुस को परेशान कर दिया है यही वजह है कि अब यूनुस सरकार छात्र संगठन को कुचलने में लग गई है. प्रमुख छात्र संगठन बांग्लादेश छात्र लीग पर प्रतिबंध पहले ही यूनुस सरकार ने लगा दिया है. अब दावा किया जा रहा है कि बांग्लादेश में छात्र राजनीति पर बैन लगाने की फिराक में है मोहम्मद यूनुस.
क्या खतरे की घंटे बज चुकी है?
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार को उखाड़ फेंकने वाले छात्र नेता नाहिद इस्लाम ने यूनुस सरकार के कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है साथ ही ऐलान कर दिया है कि वो जल्द ही अपनी पार्टी बनाएंगे. क्या यूनुस के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है? एक तरफ नाहिद इस्लाम ने यूनुस के खिलाफ जंग छेड़ दी है तो वहीं दूसरी तरफ अब बांग्लादेश की सेना भी ये समझ चुकी हैं कि अगर मोहम्मद युनूस के हाथों में सत्ता यूं ही रही तो बांग्लादेश का तबाह होना तय है. यही वजह है कि अब सेना प्रमुख वकार उज जमान ने कहा है कि देश की कानून-व्यवस्था का ध्यान सेना रखेगी.
बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार उज जमान ने कहा कि मैं सभी को बता देना चाहता हूं कि अगर आप लोग अपने मतभेद भुलाकर एक साथ नहीं आते, एक दूसरे से लड़ते-झगड़ते हैं, खून-खराबा करते हैं, तो फिर देश की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी. बहुत हो गया, पिछले 7-8 महीनों में बहुत हो गया, मैं देश को सुंदर और विकसित देखना चाहता हूं. जब तक ऐसा नहीं होता हम देश की सुरक्षा सुनिश्चित करते रहेंगे.
सेना अहम भूमिका में
सेना प्रमुख वकार उज जमां का ये बयान ऐसे समय आया है, जब बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार कई मुद्दों पर घिरी हुई है. इसमें कानून व्यवस्था भी एक मुद्दा है. बांग्लादेश में बीते साल शेख हसीना के तख्तापलट के समय से ही सेना अहम भूमिका में है. ऐसे में जमा के बयान को यूनुस के पर कतरने की कोशिश की तरह भी देखा जा रहा है.
पूरा बांग्लादेश जल रहा है, अल्पसंख्यकों पर बर्बरता की तस्वीरें आम हो गई हैं ऐसे में अगर समय रहते यूनुस को नहीं रोका गया तो बांग्लादेश का हाल सीरिया की तरह हो जाएगा. इस बात कि चिंता अब बांग्लादेश के सेना प्रमुख को सताने लगी है. बांग्लादेश के जानकारों की मानें तो बांग्लादेश के आर्मी चीफ वकार उज जमान ने देश की सुरक्षा अपने हाथों में ले ली है.यानी अब यूनुस के हाथों में देश की सुरक्षा की कमान नहीं है. क्या अब मोहम्मद यूनुस के तख्तापलट का समय करीब आ गया है ?
मासूमियत की चादर ओढ़कर हिंदुओं पर अत्याचार का जो खेल यूनुस खेल रहे हैं उसकी समय सीमा खत्म हो चुकी है. जिन्होंने यूनुस को सत्ता सौंपी अब वो भी उनसे किनारा करने लगे हैं. बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के मामले पिछले साल अगस्त से बदस्तूर जारी हैं…बांग्लादेश हिंदू बुद्धिस्ट यूनिटी काउंसिल के आंकड़ों पर गौर करें तो 5 अगस्त 2024 से लेकर 31 दिसंबर 2024 तक बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या के 32 केस दर्ज हुए. बलात्कार और महिलाओं से उत्पीड़न के कुल 13 मामले सामने आए. वहीं पूजा स्थलों पर हमले और तोड़फोड़ की 133 घटना सामने आई. वहीं हिंदुओं के घर-दुकानों पर हमले और लूटपाट की 1868 घटना सामने आई.