शेख हसीना की वजह से भारत के लिए परेशानी हो सकती है: सलाहकार

शेख हसीना को लेकर भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में खटास आ सकती है। ये कहना है बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन का। दरअसल उन्होंने कहा कि ‘वह (शेख हसीना) दिल्ली में, भारत में रह रही हैं। हालांकि मैं इसका उत्तर देने के लिए सही व्यक्ति नहीं हूं, लेकिन अगर वहां से (गृह मंत्रालय और विधि मंत्रालय से) कोई अनुरोध आता है तो हमें भारत सरकार से उन्हें बांग्लादेश वापस भेजने के लिए कहना होगा। इससे भारत सरकार के लिए दुविधा की स्थिति पैदा होती है, मुझे लगता है कि भारत सरकार भी यह जानती है और वे इसका ध्यान भी रखेंगे।’

शेख हसीना के खिलाफ हत्या के 2 नए मामले दर्ज
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शन के दौरान दो बीएनपी कार्यकर्ताओं सहित तीन लोगों की हत्या के मामले में पूर्व पीएम शेख हसीना के खिलाफ दो नए हत्या के मामले दर्ज किए गए हैं। शुक्रवार को ढाका की अदालतों में दर्ज किए गए ये मामले शेख हसीना के खिलाफ दर्ज मामलों की श्रृंखला में नए हैं।

हिंसा भड़कने के बाद बीती 5 अगस्त को शेख हसीना इस्तीफा देकर देश से निकल गईं थी। उसके बाद से ही शेख हसीना के खिलाफ हत्या के मामले दर्ज हो रहे हैं।  नए मामलों के साथ ही शेख हसीना के खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या बढ़कर कुल 84 हो गई है। इनमें से 70 आरोप मानवता के खिलाफ अपराध की धाराओं में दर्ज किए गए हैं। वहीं आठ मामले नरसंहार के आरोप में, तीन मामले कथित अपहरण के मामले में दर्ज किए गए हैं। 

क्या है ताजा मामला
ताजा मामला बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यकर्ता मतिउर रहमान ने दर्ज कराया है। शिकायत के अनुसार, 4 अगस्त को साथी पार्टी कार्यकर्ताओं जुलकर हुसैन (38 वर्षीय) और अंजना (28) की हत्याओं को लेकर किशोरगंज में मामला दर्ज कराया गया है। शिकायत के अनुसार, छात्र आंदोलन और बीएनपी कार्यकर्ताओं के जुलूस पर आवामी लीग के नेताओं धारदार हथियारों से हमला किया।

कुछ बीएनपी कार्यकर्ताओं ने पास के खोरमाप्टरी इलाके में एक जिला आवामी लीग नेता के घर में शरण ली, जहां उन्हें हसीना के नेतृत्व वाली पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बंधक बना लिया और फिर आग लगा दी, जिससे हुसैन और अंजना की मौत हो गई। इस मामले में हसीना, पूर्व सड़क परिवहन और पुल मंत्री ओबैदुल कादर सहित 88 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

मुंशीगंज में 22 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत के मामले में मामला दर्ज किया गया था, जिसकी 4 अगस्त को शहर के सुपरमार्केट इलाके में छात्र-नेतृत्व वाले आंदोलन के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में हसीना, कादर, अन्य अवामी लीग नेताओं और इसके छात्र विंग, छात्र लीग के कार्यकर्ताओं सहित 313 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

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