जापान की राजधानी टोक्यो में ओलंपिक खेलों का सिलसिला जारी है। इस आयोजन में कोरोना से बचाव के लिए हर संभव नियमों को लागू किया गया है। बावजूद इसके खेल से जुड़े लोग संक्रमित पाए गए हैं। ओलंपिक आयोजन समिति की स्क्रीनिंग में 1 से 31 जुलाई के बीच 90 कोरोना संक्रमित मामले सामने आए हैं। हालांकि, अच्छी बात यह है कि इनमें कोई भी खिलाड़ी शामिल नहीं है। जापान मेंकोरोना के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं और ओलंपिक खेलों के बीच में कोरोना के 10 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। कोरोना मामलों को बढ़ता देख जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने शुक्रवार को साईटामा, कानगावा और चिबा तथा ओसाका में आपतकाल की घोषणा भी की थी।
भारतीय दल सफलता का नया इतिहास
बता दें कि कोरोना महामारी के बीच हो रहे ओलंपिक में उल्लास ,उमंग और दर्शकों की जगह आशंकाओं और तनाव ने भले ही ले लीं हो लेकिन ‘आशा की किरण’ माने जा रहे खेलों के इस महासमर में भारतीय दल सफलता का नया इतिहास रच सकता है जबकि नजरें कुश्ती, निशानेबाजी, मुक्केबाजी में पदकों पर लगी होंगी। कोरोना महामारी के कारण एक साल देर से हो रहे खेलों की शुरुआत के समय भी दुनिया पर से इस जानलेवा वायरस का साया हटा नहीं है।
दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले शहरों में से एक तोक्यो हजारों खिलाड़ियों, सहयोगी स्टाफ और अधिकारियों की मेजबानी कर रहा है जबकि यहां प्रतिदिन एक हजार से अधिक कोरोना मामले सामने आ रहे हैं। इनमें से मामूली ही खेलों से संबंधित हैं लेकिन प्रतिभागियों के मन में भय पैदा करने के लिये ये काफी हैं। अजीब से माहौल में हो रहे इन खेलों में ना तो दर्शक हैं और ना ही वह उत्साह जो ओलंपिक की भावना का परिचायक है। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति पूरी कोशिश कर रही है कि इन खेलों को उम्मीद के रूप में देखते हुए सिर्फ सकारात्मक पहलू पर ही फोकस किया जाये।