हाईकोर्ट : राज्य विद्युत उत्पादन निगम चेयरमैन संग चार अधिकारी अवमानना के दोषी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चेयरमैन उप्र राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड एम. देवराज सहित चार अधिकारियों को कोर्ट की अवमानना करने का दोषी माना। किंतु उनके खिलाफ  आरोप निर्मित करने से पहले उन्हें आदेश के पालन का आखिरी मौका दिया है। कहा है, यदि इसके बाद भी आदेश का अक्षरश: पालन नहीं किया गया तो कोर्ट अवमानना आरोप तय कर देगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने थर्मल पॉवर निगम कासिमपुर. अलीगढ़ के अधीक्षण अभियंता दिवंग विजेंद्र पाल की अवमानना याचिका पर दिया है। याची ने कहा कि निगम कॉलेज का प्रबंधक होने के दौरान तीन खाली पदों के सापेक्ष सात सहायक अध्यापकों को लेक्चरर पद पर पदोन्नति देने की शिकायत पर विभागीय कार्रवाई की गई। इसमें दोषी ठहराते हुए उसे अधिशासी अभियंता के पद पर पदावनति दे दी गई, जिसे चुनौती दी गई। कोर्ट ने इस आदेश को रद्द कर दिया। साथ ही याची को स्टेटस तथा सभी परिलाभों सहित बहाल करने का आदेश दिया।

आदेश का पालन नहीं करने पर अवमानना याचिका दायर की गई। नोटिस जारी होने के बाद प्रबंध निदेशक ने  किसी अन्य अधिकारी राजीव कुमार जौहरी की अधीक्षण अभियंता पद पर तैनाती कर दी। कोर्ट ने याची की स्थिति की जानकारी मांगी तो अतुल कुमार ने व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर यह जानकारी दी। किंतु याची को कार्यमुक्त कर लखनऊ संबद्ध करने की जानकारी नहीं दी। कोर्ट ने याची की बहाली न कर दूसरे अधिकारी की अधीक्षण अभियंता के रूप में तैनाती को कोर्ट की जानबूझकर अवहेलना माना। कहा, यह कोर्ट की अवमानना है। याचिका की सुनवाई दो जनवरी 2023 को होगी।

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