जालसाजी और धोखाधड़ी के मामले में फरार चल रहे मुनव्वर खान को भारत ला दिया गया है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने लंबे प्रयासों के बाद उसे कुवैत से प्रत्यर्पित कराने में सफलता हासिल की। सीबीआई ने अपने बयान में कहा कि इंटरपोल चैनलों के माध्यम से मुनव्वर खान की वापसी सुनिश्चित की गई। बैंक ऑफ बड़ौदा से धोखाधड़ी करने के बाद वह भारत से फरार होकर कुवैत चला गया था।
खान को 11 सितंबर को कुवैत पुलिस की टीम ने हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सीबीआई को सौंपा। वहां सीबीआई और एसटीबी चेन्नई की टीम ने उसे हिरासत में लिया। इससे पहले सीबीआई ने विदेश मंत्रालय और एनसीबी-कुवैत के सहयोग से इंटरपोल के जरिए उसका पता लगाया और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पूरी कराई।
सीबीआई के अनुसार, एसटीबी चेन्नई में दर्ज एफआईआर संख्या RC 3(S)/2011 में मुनव्वर खान पर आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप हैं। बैंक को चूना लगाने के तुरंत बाद वह कुवैत भाग गया था और बाद में उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया।
चेन्नई एसटीबी के अनुरोध पर 7 फरवरी 2022 को सीबीआई ने इंटरपोल से रेड नोटिस जारी करवाया था। इसके आधार पर कुवैत अधिकारियों ने खान को गिरफ्तार किया और फिर भारत को सौंप दिया।
सीबीआई ने बताया कि इंटरपोल के जरिए जारी ऐसे रेड नोटिस दुनिया भर की कानून प्रवर्तन एजेंसियों तक भेजे जाते हैं ताकि फरार अपराधियों पर नजर रखी जा सके। पिछले कुछ वर्षों में सीबीआई ने इंटरपोल चैनलों के जरिए 130 से ज्यादा वांछित अपराधियों को भारत वापस लाने में सफलता पाई है।