दिल्ली में एसएससी छात्रों का विरोध प्रदर्शन: पुलिस कार्रवाई पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा

दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को सैकड़ों छात्रों ने शिक्षक कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं के खिलाफ विरोध जताया। पुलिस ने इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। घटना के बाद राजनीतिक विवाद भी बढ़ गया है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि छात्रों को रोकने और आंदोलन दबाने के लिए पुलिस भेजी गई।

कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार ने रात के समय पुलिस भेजकर SSC छात्रों के प्रदर्शन को दबाने की कोशिश की, जो पूरी तरह गलत है। छात्रों ने पिछले कई महीनों से परीक्षा प्रणाली में सुधार की मांग की थी। जब उनकी आवाज़ नहीं सुनी गई, तो उन्होंने दिल्ली में धरना देने का निर्णय लिया।

पुलिस ने हटाया प्रदर्शनकारी
छात्रों के अनुसार, पुलिस ने उन्हें जबरन प्रदर्शन स्थल से हटाने का प्रयास किया। पुलिस के हस्तक्षेप के दौरान कई प्रदर्शनकारी कार्यक्रम स्थल से भागते भी देखे गए। कुछ छात्रों ने परीक्षा में कुप्रबंधन और पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया। पुलिस का कहना है कि रामलीला मैदान में लगभग 1,500 प्रदर्शनकारी जमा हुए थे, जिनमें से 100 ने बार-बार अनुरोध के बावजूद स्थल छोड़ने से इनकार किया। कुल 44 लोगों को हिरासत में लिया गया, जबकि बाकी तितर-बितर हो गए।

भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता पर सवाल
इस विरोध ने SSC परीक्षाओं में पारदर्शिता और प्रशासनिक प्रक्रिया को लेकर उठ रहे लंबे समय से चले आ रहे सवालों पर ध्यान आकर्षित किया। छात्रों का कहना है कि यह आंदोलन न केवल असंतोष को दिखाता है, बल्कि परीक्षा संचालन और परिणाम प्रक्रिया को लेकर निराशा भी प्रदर्शित करता है। सोशल मीडिया पर भी प्रदर्शन की झलक वायरल हुई, जिसमें धरना स्थल पर भारी भीड़ दिखाई गई।

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