दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बुधवार (27 अगस्त) सचिवालय में नगर निगम (MCD) से जुड़े महत्वपूर्ण मामलों की समीक्षा बैठक की। बैठक में दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री आशीष सूद, मेयर राजा इकबाल सिंह और दिल्ली नगर निगम समेत संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि राजधानी के तीनों कूड़े के पहाड़ों को दिसंबर 2026 तक पूरी तरह हटाया जाए।
इसके अलावा, दिल्ली को स्वच्छ बनाने के लिए चल रहे “दिल्ली को कूड़े से आज़ादी” अभियान को 2 अक्टूबर तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया। सीएम ने दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले पार्कों के विकास और सौंदर्यीकरण में तेजी लाने का भी आदेश दिया, ताकि दिल्लीवासियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
20 साल के मध्यस्थता निर्णयों की समीक्षा
दिल्ली सरकार ने पिछले दो दशकों में दो बड़े विभागों के बीच हुए आर्बिट्रेशन अवॉर्ड की समीक्षा करने का भी निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है, जो लोक निर्माण विभाग (PWD) और सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग (I&FC) में पिछले 20 वर्षों में 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक के मध्यस्थता निर्णयों की समीक्षा करेगी।
इस समिति की अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य सचिव (PWD/I&FC) करेंगे। समिति में लेखा परीक्षा नियंत्रक सदस्य और अतिरिक्त महानिदेशक (PWD/I&FC) सदस्य सचिव होंगे। साथ ही COA, DCA और लेखा परीक्षा निदेशालय की दो टीमें भी समिति को सहयोग देंगी।
“जनता का पैसा जनता के हित में”
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के दौरान बारापुला चरण-III परियोजना में अनियमितताओं और देरी के कारण दिल्ली को 175 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, जो जनता के पैसों के साथ अन्याय था। रेखा गुप्ता ने स्पष्ट किया कि अब विकास कार्यों से जुड़े अनुबंधों में मध्यस्थता का प्रावधान नहीं होगा और किसी भी विवाद की स्थिति में सीधे अदालत का रास्ता अपनाया जाएगा। उनका कहना है कि जनता का पैसा केवल जनता के हित में ही खर्च किया जाएगा।