राजस्थान में मूसलाधार बारिश से जनजीवन प्रभावित, सेना और प्रशासन राहत कार्य में जुटे

राजस्थान के कई जिलों में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को गंभीर रूप से प्रभावित कर दिया है। कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर और झालावाड़ में हालात सबसे अधिक बिगड़े हैं। हाड़ौती क्षेत्र में भी भारी नुकसान हुआ है, कई गांव जलमग्न हो गए हैं और कई जगहों का संपर्क कट गया है। अब तक मानसून जनित हादसों में राज्य में 91 लोगों की मौत हो चुकी है।

जयपुर समेत कई जिलों में अलर्ट जारी, स्कूलों में अवकाश
राजधानी जयपुर में भी पानी भरने से अलर्ट मोड लागू है। जिले के ग्रामीण इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है, जिससे आमजन को आवाजाही में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जिला प्रशासन ने सोमवार और मंगलवार को सभी सरकारी और निजी स्कूलों में अवकाश घोषित किया है। मदद के लिए दूरभाष नंबर 0141-2204475 और 0141-2204476 24 घंटे उपलब्ध हैं।

नागौर में सर्वाधिक बारिश
बीते 24 घंटों में नागौर में 173 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो इस मानसून में अब तक की सबसे अधिक है। अन्य जिलों में अजमेर नसीराबाद में 51 मिमी, शहर में 61 मिमी, बीकानेर लूणकरणसर में 91 मिमी, कोलायत में 63 मिमी, जयपुर जालसू में 49 मिमी, दौसा लालसोट में 62 मिमी, रामगढ़-पचवारा 59 मिमी, धौलपुर 57 मिमी, हनुमानगढ़ गोलूवाला 92 मिमी, संगरिया 90 मिमी, पीलीबंगा 73 मिमी, झुंझुनूं मलसीसर 59 मिमी, जोधपुर बिलाड़ा 76 मिमी और माउंट आबू 71 मिमी बारिश दर्ज की गई।

बूंदी में सेना ने बचाई 41 लोगों की जान
बूंदी में कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया और लोग अपने घरों में फंसे हुए थे। 17 राजपुताना राइफल्स की बाढ़ राहत टुकड़ी ने डांढला कस्बे से 41 लोगों को सुरक्षित निकाला। ग्रामीणों ने राहत पाकर सेना का धन्यवाद किया।

50 साल का रिकॉर्ड टूटा
नागौर में हुई बारिश ने पिछले 50 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 1975 में इतनी तेज बारिश हुई थी, जबकि 1996 में भी हालात बिगड़े थे। अब गांव और शहर में पानी दो फीट तक भर गया है।

मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार मानसून ट्रफ बीकानेर, जयपुर, ग्वालियर और प्रयागराज होते हुए पूर्व की ओर बढ़ रही है। मरुधरा के ऊपर सक्रिय साइक्लोनिक सिस्टम के कारण अगले तीन दिनों तक भारी बारिश की संभावना है। विभाग ने लोगों से घर से अनावश्यक बाहर न निकलने और गहरे पानी से दूर रहने की सलाह दी है।

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