नेपाल में फंसे भारतीयों की मदद जारी, अब तक 251 सुरक्षित लौटे

नेपाल में फंसे भारतीय नागरिकों की मदद के लिए बनाए गए विशेष कंट्रोल रूम में शुक्रवार को भी सहायता की अपीलें आती रहीं। अब तक 409 लोग मदद के लिए आगे आए, जिनमें से 251 को सुरक्षित भारत लाया जा चुका है। बाकी लोगों की वापसी के प्रयास जारी हैं। कंट्रोल रूम को अब तक 30 से अधिक कॉल मिली हैं और सोशल मीडिया पर मदद मांगने वालों से भी लगातार संपर्क साधा जा रहा है। डीजीपी राजीव कृष्ण गृह मंत्रालय और खुफिया एजेंसियों से लगातार समन्वय कर रहे हैं।

भारत-नेपाल सीमा चौथे दिन भी बंद रही। नेपालगंज में हालिया उपद्रव के बाद स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है, जिसका असर जरूरी सामान और लंबी दूरी की यात्रा पर साफ दिखने लगा है। सीमा पर करीब एक हजार ट्रक खड़े हैं, जिनमें चावल, मक्का, दवाइयां और रोजमर्रा की चीजें लदी हैं। मुंबई, दिल्ली, शिमला और गोवा जाने वाली बसें यात्रियों के अभाव में सड़क किनारे खड़ी हैं। इस बीच 20 से अधिक पेट्रोल, डीजल और गैस टैंकर नेपाली सेना की निगरानी में भेजे गए।

आपूर्ति ठप होने से नेपाल में महंगाई तेजी से बढ़ गई है। 150 ग्राम का बिस्कुट पैक, जो पहले 50 रुपये में मिलता था, अब 150 रुपये का हो गया है। 600 ग्राम वाला पैक 160 से बढ़कर 300 रुपये तक पहुंच गया है। रसोई गैस के सिलिंडर की भी भारी कमी है और कई क्षेत्रों में खाद्य पदार्थों की तस्करी शुरू हो गई है।

रुपईडीहा स्थित इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट पर ट्रकों की लंबी लाइन लगी हुई है। इनमें पेट्रोलियम उत्पाद, दवाएं, अनाज और मशीनरी जैसी जरूरी वस्तुएं हैं। अधिकारियों ने प्राथमिकता पर ईंधन से भरे टैंकर नेपाल भेजने शुरू किए हैं, लेकिन अधिकांश वाहन अब भी सीमा पर खड़े हैं। हालात ऐसे ही रहे तो नेपाल में खाने-पीने की चीजों और दवाइयों की भारी किल्लत हो सकती है।

सीमा बंद होने से परिवहन व्यवस्था पूरी तरह प्रभावित है। सामान्य दिनों में रुपईडीहा से निकलने वाली निजी बसें नेपाली यात्रियों से भरी रहती थीं, लेकिन अब ये हाईवे किनारे खड़ी हैं।

नेपाल के गांवों में सख्ती

जिले से सटे नेपाली गांवों में हालिया हिंसा के बाद सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। शुक्रवार को जवानों ने गश्त कर उपद्रवियों को चेतावनी दी और पांच से अधिक लोगों के एक साथ बाहर निकलने पर रोक लगा दी। साथ ही शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू जैसा माहौल लागू किया गया।

इस सख्ती के चलते सीमावर्ती गांवों में सन्नाटा पसरा रहा और कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई। भारतीय सीमा पर भी एसएसबी और पुलिस बल मुस्तैद रहा। नेपाल के सोनबरसा, कुड़वा, कुदरबेटवा, गंगापुर, भगवानपुर, मटेहिया, होलासपुरवा, नरैनापुरवा, घूरदौड़िया, कोटिया, बनियां गांव और सुइया में सेना लगातार गश्त कर रही है।

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