भारत और चीन के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद के बीच द्विपक्षीय संबंधों में एक सकारात्मक संकेत दिखाई दिया है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान बीजिंग में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। यह भेंट दोनों देशों के बीच हाल के महीनों में संबंधों में आई नरमी के बाद हुई पहली उच्च स्तरीय बातचीत थी।
डॉ. जयशंकर ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी कि उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं प्रेषित कीं। उन्होंने दोनों देशों के बीच हालिया कूटनीतिक प्रगति की जानकारी भी दी। उनके अनुसार, भारत-चीन संबंधों में सुधार का श्रेय दोनों देशों के नेतृत्व द्वारा दिए गए स्पष्ट मार्गदर्शन को जाता है।
चीनी विदेश मंत्री वांग यी से भी हुई चर्चा
इस दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन के अपने समकक्ष वांग यी के साथ भी अहम वार्ता की। उन्होंने बताया कि पिछले नौ महीनों में भारत और चीन के बीच रिश्तों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव में कमी आई है और शांति की स्थिति बनी है। जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों को अब डि-एस्केलेशन और शेष मुद्दों के समाधान पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत और चीन के बीच मतभेदों को विवाद का रूप नहीं देना चाहिए और प्रतिस्पर्धा को संघर्ष में तब्दील नहीं होना चाहिए। उनका कहना था कि यदि यह रिश्ता परस्पर सम्मान, साझे हित और संवेदनशीलता के आधार पर आगे बढ़ता है, तो यह केवल द्विपक्षीय ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्थिरता के लिए भी लाभकारी होगा।
व्यापार, पर्यटन और लोगों से संपर्क पर भी चर्चा
वार्ता में डॉ. जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री के समक्ष भारत की कुछ व्यावसायिक चिंताओं को भी उठाया। उन्होंने चीन द्वारा लगाए गए एक्सपोर्ट कंट्रोल और व्यापारिक अवरोधों पर आपत्ति जताई, जो भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को प्रभावित कर सकते हैं। साथ ही, उन्होंने दो देशों के नागरिकों के बीच यात्रा को सुगम बनाने, सीधी उड़ानों को पुनः शुरू करने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया।
आतंकवाद और कैलाश मानसरोवर यात्रा का मुद्दा भी उठा
SCO की बैठक में भारत की ओर से आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को दोहराया गया। डॉ. जयशंकर ने कहा कि एससीओ का मूल उद्देश्य आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ एकजुट होकर काम करना है और सभी सदस्य देशों को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।
इसके अतिरिक्त, विदेश मंत्री ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने के चीन के निर्णय का स्वागत किया। यह धार्मिक यात्रा बीते पांच वर्षों से स्थगित थी, और इसके फिर शुरू होने को एक सकारात्मक सांस्कृतिक संकेत माना जा रहा है।