राजस्थान के झालावाड़ ज़िले के मनोहर थाना क्षेत्र स्थित पीपलोदी गांव के सरकारी स्कूल में शुक्रवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया। स्कूल की छत गिरने से 34 बच्चे घायल हो गए, जिनमें से 7 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना मिलते ही जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ और पुलिस अधीक्षक तत्काल मौके पर पहुंचे।
घायलों को मनोहर थाना अस्पताल और ज़िला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चार मृत बच्चों के शव मनोहर थाना अस्पताल की मोर्चरी में और तीन शव ज़िला अस्पताल झालावाड़ की मोर्चरी में रखे गए हैं।
स्कूल की जर्जर हालत, अभिभावकों ने पहले भी दी थी शिकायत
स्थानीय लोगों और मृतकों के परिजनों ने बताया कि स्कूल की इमारत बेहद जर्जर स्थिति में थी और इसकी हालत को लेकर कई बार प्रशासन को अवगत कराया गया था, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। कुछ अभिभावकों ने कहा कि यह स्कूल लगभग 50 साल पुराना है और वे स्वयं भी इसी भवन में पढ़ चुके हैं।
घटना के समय लगभग 50 बच्चे स्कूल में मौजूद थे और वे प्रार्थना सभा के बाद हाल में बैठे थे, तभी अचानक छत भरभराकर गिर पड़ी, जिससे बच्चे मलबे के नीचे दब गए।
जेसीबी से मलबा हटाकर निकाले गए बच्चे
हादसे की सूचना मिलते ही ग्रामीण मौके पर पहुंचे और पुलिस की मदद से जेसीबी मशीन के जरिए मलबा हटाया गया। राहत कार्य में जुटे लोगों ने दबे बच्चों को बाहर निकाला। हादसे के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है।
11 बच्चों की हालत नाजुक
घायलों में से 11 बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है। इनमें से कुछ को प्राथमिक इलाज के बाद झालावाड़ ज़िला अस्पताल रेफर किया गया है। फिलहाल सभी घायलों का उपचार जारी है।
शिक्षा विभाग ने की कार्रवाई
प्रारंभिक जांच में लापरवाही सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने स्कूल के 5 शिक्षकों को निलंबित कर दिया है। हादसे को लेकर उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
गहलोत ने जताया शोक
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा, “झालावाड़ के मनोहर थाना में एक सरकारी स्कूल की इमारत गिरने की खबर अत्यंत दुखद है। मैं घायल बच्चों के शीघ्र स्वस्थ होने और मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।”