लंदन में गूंजा ‘मोदी-मोदी’, बिहू नृत्य और ढोल से हुआ पीएम का भव्य स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को अपने दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर ब्रिटेन पहुंचे। उनके आगमन के साथ ही वहां रह रहे भारतीय प्रवासियों में उत्साह की लहर दौड़ गई है। लोग उम्मीद जता रहे हैं कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करेगी। इस दौरे को भारत-यूके के लिए कूटनीतिक रूप से भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि इस दौरान मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर की संभावना है। पीएम मोदी की मुलाकात ब्रिटिश समकक्ष कीर स्टार्मर और किंग चार्ल्स तृतीय से भी प्रस्तावित है।

प्रवासियों में उत्साह, सांस्कृतिक रंगत से स्वागत

लंदन में रह रही प्रवासी भारतीय गायत्री लोकहांडे ने कहा कि पीएम मोदी से मिलना उनके लिए खास अनुभव है। वह पहले भी ओडिशा में उनसे मिल चुकी हैं। उन्होंने कहा कि हम भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौते को लेकर काफी आशान्वित हैं।

पीएम मोदी के स्वागत में भारतीय संस्कृति की झलक भी देखने को मिली। एक स्थानीय डांस ग्रुप असम का पारंपरिक बिहू नृत्य प्रस्तुत करेगा। समूह की सदस्य मधुस्मिता बोरगोहेन और चीनू किशोर ने इसे गर्व का क्षण बताया। यह प्रस्तुति प्रवासी भारतीय समुदाय द्वारा आयोजित एक विशेष समारोह का हिस्सा है।

पीएम मोदी बोले – प्रवासी भारतीयों का स्नेह प्रेरणादायक

प्रधानमंत्री मोदी ने प्रवासी भारतीयों से मुलाकात के बाद कहा कि वहां उन्हें जिस आत्मीयता और समर्थन से स्वागत मिला, वह बहुत प्रेरक है। उन्होंने भारतीय समुदाय के भारत के प्रति जुड़ाव की सराहना की।

ब्रिटेन में पली-बढ़ी युवाओं की प्रतिक्रिया

यूके में जन्मी अनघा ने कहा कि उनके परिवार ने पीएम मोदी के बारे में हमेशा सकारात्मक बातें की हैं। वह उन्हें देखकर बेहद उत्साहित हैं। वहीं, रामचंद्र शास्त्री ने कहा कि मोदी केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के कल्याण की सोचते हैं।

कीर स्टार्मर और किंग चार्ल्स से अहम बैठकें

इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा करेंगे। इसके साथ ही राजा चार्ल्स तृतीय से भी उनकी मुलाकात तय है।

रणनीतिक साझेदारी को मिलेगी नई दिशा

भारत और ब्रिटेन के बीच 2021 में शुरू हुई व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और सशक्त बनाने की दिशा में यह यात्रा मील का पत्थर साबित हो सकती है। प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता दोनों देशों के बीच आयात-निर्यात शुल्क को कम करने और व्यापार को 2030 तक 120 अरब डॉलर तक पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

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