जम्मू-कश्मीर को एक बार फिर पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने की संभावनाओं पर चर्चा तेज़ हो गई है। इस बीच, जम्मू जिला प्रशासन ने श्री अमरनाथ यात्रा ड्यूटी में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को उनकी मूल तैनाती पर लौटने का आदेश दिया है।
प्रशासन की ओर से सोमवार को जारी निर्देश के अनुसार, अमरनाथ यात्रा के प्रमुख सुविधा केंद्रों—भगवती नगर स्थित यात्री निवास आधार शिविर, पुरानी मंडी स्थित राम मंदिर और परेड के गीता भवन—से तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर दिया गया है।
आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि श्री अमरनाथ यात्रा-2025 को लेकर पूर्व में जारी सभी तैनाती आदेशों को निरस्त करते हुए, इन केंद्रों पर कार्यरत समस्त अधिकारी व कर्मचारी तत्काल अपने नियमित पदों पर वापसी करें। सभी को निर्देश दिया गया है कि वे अपने मूल कार्यालय में रिपोर्ट करें और नियमित कार्यभार दोबारा ग्रहण करें।
राज्य के दर्जे पर फिर चर्चा क्यों तेज़ हुई?
श्रीनगर की सियासत में अचानक गर्माहट तब बढ़ गई जब पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने एक पोस्ट कर संकेत दिया कि कश्मीर को लेकर कोई बड़ा कदम उठाया जा सकता है। उन्होंने लिखा—
“ठीक छह साल पहले 4 अगस्त 2019 को कश्मीर पर भारी अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे थे। अब फिर एक हफ्ते से दबे सुरों में चर्चा हो रही है कि कुछ बड़ा होने वाला है।”
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा?
नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हालांकि इन अटकलों पर संयमित प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा—
“मुझे मंगलवार को लेकर कई तरह की अफवाहें सुनने को मिल रही हैं, लेकिन मैं पूरी ईमानदारी से कहना चाहता हूं कि उस दिन कुछ भी खास नहीं होने जा रहा। न कोई नकारात्मक घटनाक्रम होगा और दुर्भाग्यवश कोई सकारात्मक भी नहीं। फिर भी मैं संसद के मौजूदा मानसून सत्र में जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में किसी अच्छी खबर की उम्मीद रखता हूं… लेकिन मंगलवार को नहीं। मेरी दिल्ली में किसी से कोई मुलाकात या बात नहीं हुई है, यह सिर्फ एक आंतरिक अनुमान है। देखते हैं आगे क्या होता है।”