पांच देशों की यात्रा पूरी कर भारत लौटे पीएम मोदी, जानिए विदेश दौरे की अहम उपलब्धियां

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी आठ दिवसीय, बहुपक्षीय विदेश यात्रा के बाद गुरुवार सुबह दिल्ली स्थित पालम एयरपोर्ट पर लौट आए। इस यात्रा के दौरान उन्होंने घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया की आधिकारिक यात्रा की और ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया।

घाना में मिला देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान

2 जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा की शुरुआत घाना से हुई, जहां उन्हें “द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना” से सम्मानित किया गया—यह घाना का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। उन्होंने घाना की संसद को भी संबोधित किया। यह दौरा ऐतिहासिक रहा क्योंकि करीब तीन दशक बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने घाना की यात्रा की।

त्रिनिदाद और टोबैगो से सहयोग के नए आयाम

इसके बाद प्रधानमंत्री त्रिनिदाद और टोबैगो पहुँचे, जहां राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन में उनका भव्य स्वागत हुआ। राष्ट्रपति क्रिस्टीन कंगालू ने उन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान “ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो” प्रदान किया। इस यात्रा के दौरान भारत और त्रिनिदाद एंड टोबैगो के बीच छह प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। दोनों देशों ने बुनियादी ढांचे, फार्मास्युटिकल क्षेत्र और रक्षा सहयोग को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई।

अर्जेंटीना में रणनीतिक साझेदारी को मिली नई दिशा

विदेश दौरे के तीसरे चरण में प्रधानमंत्री मोदी अर्जेंटीना पहुंचे, जहां राष्ट्रपति जेवियर माइली ने राजधानी ब्यूनस आयर्स में उनका स्वागत किया। दोनों नेताओं की बैठक में द्विपक्षीय संबंधों को और सुदृढ़ करने पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और अर्जेंटीना के कूटनीतिक संबंधों के 75 वर्ष और रणनीतिक साझेदारी के 5 वर्ष पूरे होने का यह एक विशेष अवसर है। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच भविष्य की साझेदारी और अधिक सार्थक होगी।

ब्राजील में BRICS सम्मेलन और सर्वोच्च सम्मान

प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेते हुए वैश्विक चुनौतियों और सहयोग पर जोर दिया। उन्होंने आतंकवाद को मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया और कहा कि 20वीं सदी की संस्थाएं अब 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रही हैं।

इसके बाद वे ब्रासीलिया गए, जहां ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने प्रधानमंत्री को “ग्रैंड कॉलर ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द सदर्न क्रॉस” से सम्मानित किया, जो ब्राजील का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। इस दौरान भारत और ब्राजील के बीच व्यापार, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक सहयोग से संबंधित कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।

नामीबिया में नई साझेदारी और ऐतिहासिक संबोधन

यात्रा के अंतिम चरण में प्रधानमंत्री नामीबिया पहुँचे, जहां राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवा ने विंडहोक में उनका स्वागत किया। दोनों देशों के नेताओं ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद कई अहम समझौतों को अंतिम रूप दिया।

पीएम मोदी को नामीबिया ने भी “ऑर्डर ऑफ द मोस्ट एंशिएंट वेल्विचिया मिराबिलिस” से सम्मानित किया। उन्होंने नामीबिया की संसद को भी संबोधित किया और भारत-नामीबिया संबंधों के उज्ज्वल भविष्य की कल्पना साझा की। उन्होंने कहा कि “हमें नामीबिया के राष्ट्रीय पक्षी, अफ्रीकी मछली ईगल से प्रेरणा लेनी चाहिए, जो हमें एक साथ ऊंची उड़ान भरना, क्षितिज को देखना और साहसपूर्वक नए अवसरों तक पहुंचना सिखाता है।”

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