प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पांच देशों के दौरे के अंतिम चरण में बुधवार को नामीबिया पहुंचे, जहां स्टेट हाउस में उनका औपचारिक स्वागत किया गया। राष्ट्रपति नंगोलो नदैतवा ने प्रधानमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर तथा 21 तोपों की सलामी दी गई। प्रधानमंत्री मोदी ने नामीबिया की संसद को संबोधित करते हुए लोकतंत्र, साझा विकास, वैश्विक साझेदारी और भारत-अफ्रीका के संबंधों पर विस्तार से चर्चा की।
लोकतंत्र का गौरव और संविधान की शक्ति
प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में संबोधन की शुरुआत आभार व्यक्त करते हुए की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के इस गरिमामयी सदन को संबोधित करना एक विशेष सम्मान है। उन्होंने भारतीय लोकतंत्र और संविधान की ताकत को रेखांकित करते हुए कहा, “भारत का संविधान ही वह शक्ति है जिसकी वजह से एक गरीब आदिवासी परिवार की बेटी आज देश की राष्ट्रपति बन सकी और एक सामान्य परिवार से आया व्यक्ति लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बन पाया।”
नामीबिया में पहली महिला राष्ट्रपति को बधाई
प्रधानमंत्री ने हाल ही में नामीबिया में निर्वाचित हुई पहली महिला राष्ट्रपति को बधाई दी और इसे लोकतंत्र की दिशा में बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा, “हम आपके इस ऐतिहासिक पल में गर्व से भागीदार हैं, जैसे भारत में हम ‘मैडम प्रेसिडेंट’ कहते हुए गर्व महसूस करते हैं।”
भारत-नामीबिया: साझेदारी का मजबूत इतिहास
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने भारत और नामीबिया के ऐतिहासिक संबंधों को याद करते हुए बताया कि भारत ने स्वतंत्रता संग्राम के समय से ही नामीबिया का समर्थन किया है। संयुक्त राष्ट्र में दक्षिण-पश्चिम अफ्रीका के मुद्दे को भारत ने सबसे पहले उठाया था, और वहां संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना का नेतृत्व भी एक भारतीय सैन्य अधिकारी ने किया था।
प्रोजेक्ट चीता और शिक्षा सहयोग का ज़िक्र
प्रधानमंत्री मोदी ने नामीबिया को प्रोजेक्ट चीता में सहयोग देने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि कुनो राष्ट्रीय उद्यान में बसाए गए चीते अब नई पीढ़ी को जन्म दे रहे हैं और भारत में अच्छे से ढल चुके हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि भारत में छात्रवृत्ति और प्रशिक्षण कार्यक्रमों से 1700 से अधिक नामीबियाई छात्र लाभान्वित हुए हैं।
साझा भविष्य की दिशा में भारत का संकल्प
प्रधानमंत्री ने नामीबिया के विकास लक्ष्य “विजन 2030” में साझेदारी और अफ्रीकी एजेंडा 2063 को समर्थन देने की बात कही। उन्होंने कहा कि भारत सहयोग और साझेदारी में विश्वास रखता है, न कि प्रतिस्पर्धा में। “अफ्रीका को केवल कच्चे माल का स्रोत नहीं, बल्कि मूल्यवर्धन और सतत विकास में अग्रणी बनाना चाहिए।”
नामीबिया के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित
प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया की ओर से सर्वोच्च नागरिक सम्मान “ऑर्डर ऑफ द मोस्ट एनशिएंट वेल्वित्चिया मिराबिलिस” प्रदान किया गया। यह सम्मान राष्ट्रपति नदैतवा ने प्रदान किया। मई 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से यह प्रधानमंत्री मोदी को मिला 27वां अंतरराष्ट्रीय नागरिक सम्मान है।
क्रिकेट विश्व कप में नामीबिया को दी शुभकामनाएं
पीएम मोदी ने नामीबिया को 2027 क्रिकेट विश्व कप की सह-मेजबानी के लिए बधाई दी। उन्होंने हंसी-ठिठोली में कहा कि अगर नामीबिया की टीम को कभी क्रिकेट की किसी जानकारी की ज़रूरत हो, तो वे जानते हैं कि किसे फोन करना है।
भविष्य की साझेदारी की प्रेरणा
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन का समापन नामीबिया के राष्ट्रीय पक्षी, अफ्रीकी फिश ईगल का उदाहरण देकर किया और कहा कि यह पक्षी हमें ऊंची उड़ान भरने, दूरदृष्टि रखने और नए अवसरों को साहस के साथ अपनाने की प्रेरणा देता है। “आइए, हम एक ऐसा भविष्य बनाएं जो शक्ति नहीं, साझेदारी से परिभाषित हो, और जिसमें समावेश, संवाद और समानता की भावना हो।”