पंजाब में भीषण बाढ़: आठ जिले जलमग्न, सेना और एनडीआरएफ राहत कार्य में जुटी

पंजाब के आठ जिले गंभीर बाढ़ की चपेट में हैं। रावी दरिया के उफान से बुधवार को पठानकोट के माधोपुर हेडवर्क्स के चार गेट टूट गए, जिसके कारण वहां तैनात करीब 50 कर्मचारी फंस गए। उन्हें हेलिकॉप्टर की मदद से बाहर निकाला गया। इसी तरह गुरदासपुर जिले के जवाहर नवोदय विद्यालय दबुड़ी में रातभर फंसे 381 विद्यार्थियों और 70 शिक्षकों को भी सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

इधर, पाकिस्तान में भी रावी का पानी खतरे का कारण बना हुआ है। करतारपुर साहिब गुरुद्वारा और करतारपुर कॉरिडोर परिसर में कई फीट पानी भर गया है। श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज्ज ने बताया कि पाकिस्तान से मिली जानकारी के अनुसार मुख्य दरबार समेत पूरा परिसर जलमग्न हो चुका है।

मुख्यमंत्री भगवंत मान गुरुवार को फिरोजपुर जिले के प्रभावित गांवों का दौरा करेंगे। वे बारेके गांव के राहत कैंप में विस्थापित लोगों से मुलाकात करेंगे और पत्रकारों से भी बातचीत करेंगे। इससे पहले बुधवार को सीएम मान ने पठानकोट और गुरदासपुर के बाढ़ग्रस्त इलाकों का जायजा लिया था। उन्होंने अपना हेलीकॉप्टर वहीं छोड़ दिया ताकि इसे राहत कार्यों में इस्तेमाल किया जा सके।

फिरोजपुर में सरहिंद नहर पर बना पुल टूटने से कई गांवों का संपर्क कट गया है। रावी, ब्यास और सतलुज नदियों में बढ़ते जलस्तर से पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन, होशियारपुर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर और फाजिल्का जिलों के 200 से अधिक गांव डूब चुके हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना लगातार बचाव अभियान चला रही है।

माधोपुर हेडवर्क्स के टूटे गेट के कारण सिंचाई विभाग का कर्मचारी विनोद कुमार तेज बहाव में बह गया, जिसकी तलाश जारी है। उधर, रणजीत सागर बांध से करीब 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण सुजानपुर में कई घर और जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग जलमग्न हो गया है। रावी नदी पर बने रेलवे पुल का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया और कठुआ-पठानकोट पुल पर यातायात रोक दिया गया। सुजानपुर के अतेपुर इलाके में एक व्यक्ति बहाव में बह गया।

होशियारपुर जिले में भी ब्यास की बाढ़ ने कहर बरपाया। टांडा उड़मुड़ क्षेत्र के सलेमपुर मंड गांव में जलालपुर निवासी जैला की डूबने से मौत हो गई। जैला बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने गया था।

सेना, बीएसएफ और सीआरपीएफ ने 13 टुकड़ियां राहत कार्यों में तैनात की हैं। रूद्र हेलिकॉप्टर के बाद चिनूक (बोइंग सीएच-47) भी लगाया गया है। अब तक इन बलों ने 720 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला है।

अमृतसर जिले में भी रावी का जलस्तर बढ़ने से 40 से ज्यादा गांव जलमग्न हो गए हैं। डीसी साक्षी साहनी ने गुरुवार तड़के रेस्क्यू कार्यों का जायजा लिया। प्रशासन लगातार प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने में जुटा है।

फिरोजपुर के हुसैनीवाला बॉर्डर से सटे 11 पंचायतों के गांव भी पानी में डूब गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने अब तक पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था नहीं की और फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। कई लोग अपने परिवार को सुरक्षित स्थानों पर भेजकर खुद छतों पर रह रहे हैं और घरों के दरवाजों पर अस्थायी बांध बनाकर पानी रोकने की कोशिश कर रहे हैं।

फिरोजपुर जिले के बंडाला गांव में पानी के बीच फंसी 73 वर्षीय मंजीत कौर की तबीयत बिगड़ गई। बीएसएफ और सेना ने मोटरबोट से उन्हें निकालकर एंबुलेंस के जरिए सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां उनका इलाज जारी है।

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