गायक जुबीन गर्ग का पार्थिव शरीर गुवाहाटी पहुंचा, सीएम हिमंत ने दी श्रद्धांजलि

गुवाहाटी। असम के लोकप्रिय गायक और “असम की आवाज़” कहे जाने वाले जुबीन गर्ग का पार्थिव शरीर रविवार तड़के गुवाहाटी पहुंचा। शनिवार देर रात सिंगापुर से दिल्ली लाए गए उनके शव को विशेष विमान से असम भेजा गया। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने न केवल दिल्ली एयरपोर्ट पर श्रद्धांजलि दी, बल्कि गुवाहाटी पहुंचने के बाद अंतिम यात्रा से जुड़े दृश्य अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी साझा किए।

एयरपोर्ट पर टूटा सन्नाटा और मची अफरा-तफरी

जुबीन गर्ग के अंतिम दर्शन की एक झलक पाने के लिए गुवाहाटी के गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रातभर भारी भीड़ जुटी रही। देर रात जब पार्थिव शरीर पहुंचा तो माहौल भावुक हो उठा। इस दौरान अचानक प्रशंसक बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ने लगे। हालात बिगड़ने पर पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। अधिकारियों के मुताबिक, आधी रात के बाद भीड़ इतनी बढ़ गई कि सुरक्षा व्यवस्था टूटने लगी थी।

सिंगापुर में हुआ था हादसा

शुक्रवार को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय जुबीन गर्ग की डूबने से मौत हो गई थी। बताया जाता है कि उस समय उन्होंने लाइफ जैकेट नहीं पहनी थी। 49 वर्षीय गायक की असामयिक मृत्यु ने पूरे असम को शोक में डुबो दिया है। उनके निधन से भारतीय संगीत जगत को भी गहरी क्षति पहुंची है।

दिल्ली में सरकारी सम्मान

शनिवार को जब जुबीन का पार्थिव शरीर दिल्ली लाया गया तो मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा और कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। एयरपोर्ट पर उन्हें सरकारी स्तर पर पूरे सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी गई।

गुवाहाटी में अंतिम दर्शन की तैयारी

गुवाहाटी पहुंचने के बाद जुबीन का शव पहले उनके निवास पर रखा जाएगा ताकि परिजन और करीबी लोग अंतिम दर्शन कर सकें। इसके बाद सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक अर्जुन भोगेश्वर बरुआ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आम जनता को श्रद्धांजलि देने का अवसर मिलेगा। अनुमान है कि हजारों लोग इस दौरान पहुंचेंगे।

अंतिम संस्कार का निर्णय लंबित

राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि जुबीन गर्ग का अंतिम संस्कार कहाँ और कैसे होगा, इसका निर्णय परिवार और सामाजिक संगठनों से चर्चा के बाद लिया जाएगा। रविवार शाम को मंत्रिमंडल की विशेष बैठक में इस पर अंतिम फैसला किया जाएगा।

असम की धड़कन बने रहेंगे जुबीन

लोकप्रिय गायक जुबीन गर्ग ने अपने गीतों से न सिर्फ असम बल्कि पूरे भारत में एक अलग पहचान बनाई थी। उनका अचानक जाना संगीत प्रेमियों और प्रशंसकों के लिए गहरा आघात है। लोग मानते हैं कि जुबीन हमेशा “असम की धड़कन” के रूप में याद किए जाएंगे।

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