भारत और अमेरिका के बीच व्यापार शुल्क (टैरिफ) को लेकर चल रही खींचतान अब राजनीतिक बयानबाजी में बदलती नजर आ रही है। जहां अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर बार-बार दबाव बना रहे हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी में हुए एक कार्यक्रम के दौरान बिना नाम लिए इस मुद्दे पर भारत का रुख स्पष्ट कर दिया।
मोदी ने ट्रंप के उस बयान का जवाब दिया जिसमें उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को “डूबती हुई” बताया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जल्द ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, “दुनिया की अर्थव्यवस्था इस समय अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है, ऐसे में हर देश अपने हितों की रक्षा कर रहा है। भारत भी अपने आर्थिक हितों को सर्वोपरि रखेगा।”
रूस से तेल खरीद जारी रखने का संकेत
ट्रंप ने हाल ही में दावा किया था कि भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया है। इस पर पीएम मोदी ने दो टूक कहा कि भारत क्या खरीदेगा और क्या नहीं, इसका फैसला राष्ट्रहित को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा। इससे स्पष्ट है कि भारत रूस से कच्चे तेल और रक्षा उपकरणों की खरीद जारी रखेगा।
F-35 विमान सौदे को लेकर भी स्पष्ट संदेश
अमेरिका की ओर से भारत को फाइटर जेट F-35 की बिक्री की पेशकश की गई थी, जिसे भारत पहले भी कई बार ठुकरा चुका है। पीएम मोदी ने इस मुद्दे पर भी इशारों में कहा कि भारत वही खरीदेगा जिसमें देश की मिट्टी, श्रम और हित शामिल हो। इससे संकेत मिलता है कि भारत घरेलू रक्षा उत्पादन और आत्मनिर्भरता पर ही जोर देगा।
ट्रंप के आरोपों पर भारत का जवाब
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और रूस के रिश्तों को लेकर नाराजगी जताई थी और भारत पर ज्यादा टैरिफ लगाने का आरोप लगाते हुए रूस से व्यापार पर सजा देने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि भारत और रूस दोनों अपनी अर्थव्यवस्था को डुबा रहे हैं और अमेरिका को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। इसके साथ ही उन्होंने भारत से आने वाले उत्पादों पर 25% शुल्क लगाने की घोषणा की थी।
प्रधानमंत्री मोदी का हालिया बयान न केवल ट्रंप के आरोपों का जवाब है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत अपनी आर्थिक और रणनीतिक नीतियों में आत्मनिर्भरता और संप्रभुता को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है।