गुरुग्राम निवासी राधिका यादव की हत्या के मामले में पुलिस ने उसके पिता दीपक यादव को शनिवार को अदालत में पेश किया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पूछताछ के दौरान दीपक ने अपनी बेटी की हत्या स्वीकार कर ली है।
राधिका के चाचा विजय यादव ने बताया कि आरोपी ने घटना के बाद उनसे कहा था, “भाई, मैंने कन्या वध कर दिया है, अब मुझे खत्म कर दो।” उसने कोई ठोस वजह नहीं बताई, बस इतना कहा कि वह मानसिक संतुलन खो बैठा था।
विजय यादव के अनुसार, जब कोई व्यक्ति खुद को दोषी मान लेता है, तो उसकी आत्मग्लानि ही सबसे बड़ी सजा होती है।
राधिका की करीबी दोस्त का खुलासा: ‘उसकी ज़िंदगी घरवालों ने नर्क बना दी थी’
राधिका की बेहद करीबी मित्र हिमांशिका, जो पेशे से फिटनेस और टेनिस कोच हैं, ने कहा कि राधिका उनसे अपने जीवन के लगभग सभी पहलू साझा करती थी। उन्होंने बताया कि राधिका पिछले 18 वर्षों से टेनिस खेल रही थी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन कर रही थी। साथ ही, उसे फोटोग्राफी, वीडियोज और रील्स बनाने का भी बहुत शौक था, लेकिन उसके परिवार ने इस पर सख्त पाबंदी लगा दी थी।
घर के दबाव में छोड़े कई शूट्स
हिमांशिका के अनुसार, राधिका ने कुछ कमर्शियल म्यूजिक वीडियोज़ में काम किया था और एक बार उसके पिता ही उसे शूट लोकेशन पर छोड़ने भी गए थे। हालांकि, समाज के दबाव और परिवार की ‘लोग क्या कहेंगे’ मानसिकता के चलते राधिका को कई प्रोजेक्ट्स छोड़ने पड़े।
उन्होंने बताया कि राधिका की टेनिस एकेडमी घर से महज 50 मीटर की दूरी पर थी, लेकिन समय की पाबंदी और हर गतिविधि पर नज़र रखने की वजह से उसकी जिंदगी घुटनभरी हो गई थी। यहां तक कि वीडियो कॉल पर भी उसे यह दिखाना पड़ता था कि वह किससे बात कर रही है।
‘लव जिहाद’ के दावे बेबुनियाद: दोस्त का बयान
राधिका की दोस्त ने यह भी स्पष्ट किया कि ‘लव जिहाद’ जैसी किसी भी बात में कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा कि राधिका का किसी लड़के से संपर्क नहीं था और इस तरह के आरोप निराधार हैं। उसका अपराध यही था कि वह अपनी शर्तों पर जीना चाहती थी, जो उसके परिवार को स्वीकार नहीं था।