यूक्रेन का रूस पर बड़ा ड्रोन हमला, किरिशी रिफाइनरी में लगी आग

यूक्रेन ने शनिवार रात रूस पर बड़े पैमाने पर ड्रोन हमला किया। इस हमले की गंभीरता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि रूस ने दावा किया कि उसकी वायु रक्षा प्रणाली ने 361 ड्रोन मार गिराए। इन हमलों के दौरान रूस की प्रमुख तेल रिफाइनरियों में से एक में आग लग गई।

हमला लेनिनग्राद क्षेत्र की किरिशी रिफाइनरी पर हुआ, जो रूस की शीर्ष तीन रिफाइनरियों में गिनी जाती है। यह संयंत्र हर साल करीब 1.77 करोड़ मीट्रिक टन कच्चे तेल का उत्पादन करता है। यूक्रेन की सेना ने बताया कि वहां धमाके और आग लगने की सूचना मिली। जारी तस्वीरों में रात के अंधेरे में आसमान को चीरती आग की लपटें और धुएं का गुबार दिखाई दे रहा है।

क्षेत्रीय गवर्नर अलेक्जेंडर ड्रोज़्डेंको ने बताया कि इलाके में तीन ड्रोन गिराए गए, जिनके मलबे से रिफाइनरी में आग भड़क उठी। आग पर काबू पा लिया गया और कोई जनहानि नहीं हुई। रूसी रक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा कि ड्रोन के अलावा चार गाइडेड बम और एक अमेरिकी निर्मित HIMARS मिसाइल भी मार गिराई गई।

इसी बीच, यूक्रेनी जनरल स्टाफ के प्रमुख एंड्री हनातोव ने संकेत दिया कि रूस पर ड्रोन हमलों के दौरान यूक्रेन जानबूझकर मोबाइल नेटवर्क की गुणवत्ता घटा सकता है, ताकि रूसी हमलों का समन्वय बाधित हो।

रूस में ईंधन संकट और निर्यात पर रोक

लगातार हमलों और बढ़ती मांग की वजह से रूस में हाल के हफ्तों में गैसोलीन की कमी हो गई है। कई क्षेत्रों में पेट्रोल पंपों पर ईंधन खत्म हो गया है और वाहन चालकों को लंबी कतारों में इंतजार करना पड़ रहा है। संकट से निपटने के लिए सरकार ने गैसोलीन के निर्यात पर 31 अक्तूबर तक आंशिक और 30 सितंबर तक पूर्ण रोक लगाने की घोषणा की है।

अमेरिका में कड़े प्रतिबंधों की मांग

उधर, अमेरिका में दो सांसद—सीनेटर लिंडसे ग्राहम और प्रतिनिधि ब्रायन फिट्जपैट्रिक—ने रूस पर सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाने की मांग की है। वे चाहते हैं कि प्रस्तावित विधेयक को सरकारी वित्त पोषण वाले विधेयक से जोड़ा जाए। इस बिल में यह प्रावधान है कि अगर रूस शांति वार्ता से इनकार करता है तो भारत और चीन जैसे देशों पर भी अतिरिक्त दबाव बनाया जाए, ताकि वे रूसी तेल की खरीद कम करें।

रूस का सैन्य शक्ति प्रदर्शन

हमलों के बीच रूस ने भी अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया। मॉस्को ने दावा किया कि उसने बेरेंट्स सागर में जिरकोन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया। इसके साथ ही सुकोई SU-34 लड़ाकू विमान ने बेलारूस के साथ संयुक्त अभ्यास में बमबारी भी की।

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