यमुना उफान पर, हथिनीकुंड के सभी गेट खुले; दिल्ली में बाढ़ का खतरा बढ़ा

भारी बारिश के चलते यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। हरियाणा के यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज पर रविवार को जल प्रवाह बढ़कर 1.78 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया। इसके चलते बैराज के सभी 18 गेट खोल दिए गए और दिल्ली सहित हरियाणा व उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ अलर्ट जारी कर दिया गया। राज्य के सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग ने इसे ‘मध्यम स्तर की बाढ़’ की स्थिति घोषित किया है।

सोमवार रात तक दिल्ली में यमुना का स्तर 206 मीटर तक पहुंचने की आशंका जताई गई है, जो 205.33 मीटर के खतरे के निशान से ऊपर है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने रविवार को परामर्श जारी करते हुए चेताया कि यदि जलस्तर 206 मीटर छूता है तो निचले इलाकों से लोगों को हटाने की प्रक्रिया शुरू करनी होगी। रविवार शाम को यमुना का स्तर पुराने रेलवे पुल पर 204.60 मीटर दर्ज किया गया था, जो अलर्ट लेवल 204.50 मीटर को पार कर चुका था।

बैराजों से लगातार छोड़ा जा रहा पानी
अधिकारियों के मुताबिक रविवार सुबह 8 बजे तक हथिनीकुंड से 58,282 क्यूसेक, वजीराबाद बैराज से 36,170 क्यूसेक और ओखला बैराज से 68,025 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। सीडब्ल्यूसी ने बताया कि 17 अगस्त को हथिनीकुंड से छोड़े गए पानी और ऊपरी यमुना क्षेत्र में हुई भारी बारिश के कारण दिल्ली में जलस्तर 19 अगस्त की देर रात तक 206 मीटर को पार कर सकता है।

केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अधिकारियों ने कहा कि वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से लगातार भारी मात्रा में छोड़े जा रहे पानी के चलते ही यमुना का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। विभाग के मुताबिक इस सीजन में अब तक की सबसे बड़ी मात्रा—लगभग 1,27,030 क्यूसेक पानी हथिनीकुंड से छोड़ा गया, जबकि वजीराबाद से हर घंटे औसतन 45,620 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। यह पानी सामान्यतः 48 से 50 घंटे में दिल्ली पहुंचता है।

मध्यम बाढ़ की श्रेणी में प्रवाह
विशेषज्ञों के अनुसार 70 हजार से 1.5 लाख क्यूसेक तक के प्रवाह को ‘कम बाढ़’, 1.5 लाख से 2.5 लाख क्यूसेक तक को ‘मध्यम बाढ़’ और 2.5 लाख क्यूसेक से अधिक को ‘उच्च बाढ़’ की श्रेणी में रखा जाता है। रविवार सुबह 7 बजे यमुना का प्रवाह एक लाख क्यूसेक के पार होने पर ‘कम बाढ़’ घोषित की गई, लेकिन दोपहर तीन बजे तक यह बढ़कर 1.78 लाख क्यूसेक हो गया, जिसके चलते यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया।

अधिकारियों का कहना है कि इस पानी को दिल्ली तक पहुंचने में करीब 48 घंटे लगेंगे। यमुना के अलावा, यमुनानगर से गुजरने वाली सोम नदी भी भारी बारिश के कारण उफान पर है, जिससे हालात और चुनौतीपूर्ण हो गए हैं।

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