द्रौपदी की तरह मेरा चीरहरण हुआ लेकिन जनता मेरे लिए कृष्ण बनी: महुआ मोइत्रा

18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद के पहले सत्र के छठे दिन राहुल समेत विपक्ष के कई नेताओं ने सत्तापक्ष पर जमकर हमला बोला. इसके साथ ही टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी सत्ताधारी दल को घेरते हुए कहा कि पिछली बार जब मैं यहां खड़ी थी तो मुझे बोलने नहीं दिया गया. संसद में एक सांसद की आवाज दबाने के लिए सत्ताधारी पार्टी को बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है. मेरी आवाज को दबाने की कोशिश में जनता ने आपके 63 सांसदों को हमेशा के लिए बैठा दिया.

टीएमसी से सांसद ने आगे कहा “द्रौपदी की तरह मेरा चीरहरण हुआ लेकिन जनता मेरे लिए कृष्ण बन गई.” महुआ मोइत्रा ने अपने भाषण को पीएम मोदी की ओर संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री सर आप यहां एक घंटे से हैं मैं आपसे विनती करती हूं कि मेरी बात भी सुनकर जाइए. डरिए मत, आप मेरे क्षेत्र में दो बार आए आज तो सुनते जाइए सर.

महुआ मोइत्रा ने केंद्र पर साधा निशाना

टीएमसी सांसद ने अपनी प्रतिक्रिया जारी रखते हुए किसानों की मांगों को पूरा न करने और NEET को लेकर चल रहे विवाद को लेकर भी केंद्र पर निशाना साधा है. आगे उन्होंने कहा लोग मुझसे कहते थे कि मैंने अपना सब कुछ गंवा दिया. लेकिन इसके बावजूद मैंने एक चीज हासिल की. वो है डर से आजादी. अब मुझे कोई नहीं डरा सकता.इसके साथ ही उन्होंने लद्दाख के मुद्दे पर भी सरकार का घेरा.

माइक के विवाद पर बोले स्पीकर ओम बिरला

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने माइक विवाद पर विपक्ष की बोलती बंद कर दी. सदन में माइक बंद किए जाने के आरोपों पर ओम बिरला ने कहा कि आसन पर बैठा व्यक्ति माइक नियंत्रित नहीं करता. अध्यक्ष के अलावा सभापति पैनल के सदस्य भी आसन पर बैठते हैं. सभापति पैनल में सभी दलों के सदस्य होते हैं.

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