‘भारत न बन पाए ‘विश्वगुरु’, इसलिए किया जा रहा दुष्प्रचार’- भागवत

मुंबई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि भारत को ‘विश्वगुरु’ बनने की दिशा में बढ़ने से रोकने के लिए देश के बारे में दुष्प्रचार किया जा रहा है।

मुंबई में एक कार्यक्रम में भागवत ने कहा कि 1857 के बाद (प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद) देश के बारे में इस तरह की भ्रांतियां फैलाई गईं, लेकिन स्वामी विवेकानंद ने ऐसे तत्वों को मुंहतोड़ जवाब दिया।

उन्होंने कहा कि ये गलत धारणाएं हमारी प्रगति को धीमा करने के लिए फैलाई जा रही हैं क्योंकि ‘‘दुनिया में कोई भी तर्क के आधार पर हमसे बहस नहीं कर सकता है।’’

भागवत ने कहा, ‘‘हम अगले 20-30 सालों में विश्वगुरु बनने जा रहे हैं। इसके लिए हमें कम से कम दो पीढ़ियों को तैयार करने की जरूरत है, जो बदलाव लाएंगी।’’

भागवत ने कहा कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में बहुत कुछ हासिल किया है, लेकिन विश्व स्तर पर विकृत जानकारी फैलाई जा रही है, जिसका मुकाबला करने के लिए देश को पीढ़ियों को तैयार करने और ‘‘दुनिया में अच्छे लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने’’ की जरूरत है।

आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘‘1857 के बाद, हमारे खिलाफ कुछ गलतफहमियां फैलाई गईं। यह स्वामी विवेकानंद ही थे, जिन्होंने हमें हेय दृष्टि से देखने वालों को करारा जवाब दिया।’’

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