कारगिल में टाइगर हिल और पैंगोंग झील को जोड़ते हुए बन रही ऑल वेदर रोड

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय लद्दाख के कार्गिल में ऑल वेदर रोड बना रहा है। इसके तहत 230 किलोमीटर लंबे कारिगल-जांस्कर रोड का चौड़ीकरण करने के साथ ही इसे अपग्रेड भी किया जा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग (NH)-301 का यह हिस्सा सामरिक दृष्टि से पहुत ही महत्वपूर्ण है और इसका काम अगले साल तक पूरा हो जाएगा।इस रोड का काम नेशनल हाईवेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NHIDCL) कर रहा है और इसके बन जाने से यहां के लोगों की जिंदगी आसान हो जाएगी। इस रोड का काम पूरा होने से न सिर्फ यहां रहने वाले आम लोगों को फायदा होगा, बल्कि भविष्य में भारत सामरिक ताकत के लिए भी जरूरी है। इस हाइवे के ज्यादातर हिस्से को चौड़ा किया जा रहा है। इसके अलावा तीन नए पुल भी इस परियोजना के तहत बनाए जा रहे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार यह परियोजना को 11 चरणों में बांटा गया है। इसमें तीन नए पुल बनाना शामिल है। ताजा अपडेट के अनुसार चार पैकेज पर काम पूरा भी हो चुका है। यही नहीं दो अन्य पैकेज पर भी निर्माण कार्य 95 फीसद तक पूरा हो चुका है और इस महीने के अंत तक काम पूरा हो जाएगा। इसके अलावा तीन अन्य पैकेज भी इसी साल अक्टूबर-नवंबर तक पूरे हो जाएंगे।

कारगिल की तरफ से ऑल वेदर रोड का हाल

गारगिल की तरफ से 57 किमी की रोड को दो हिस्सों में बांटा गया है। इन दोनों हिस्सों का काम अक्तूबर 2025 तक पूरा हो पाएगा। हालांकि, इस पूरे रोड प्रोजेक्ट के बाकी सभी काम इसी साल पूरे कर लिए जाएंगे।

आसान हो जाएगा टाइगर हिल तक जाना

कारगिल और जांस्कर क्षेत्र में ऑल वेदर सड़क न होने और मजबूत परिवहन ढांचा न रहने की वजह से यात्रा में बड़ी मुश्किलें आती हैं। इस राजमार्ग के बनने से टाइगर हिल, सुरू वैली, कारगिल बांध क्षेत्र, सानी मॉनेस्ट्री के साथ ही पैंगोंग झील तक पहुंच आसान हो जाएगी।

पिछले ही साल केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस प्रोजेक्ट के बारें में कहा था, ‘यहां का पहाड़ी टेरेन जबरदस्त चुनौतियां पेश करता है। एक तरफ गहरी खाईयां हैं तो दूसरी तरफ सीधे पहाड़। क्षेत्र का कठोर वातावरण, कम पेड़-पौधे और ऑक्सीजन की कमी जैसी चुनौतियां ठंडी जयवायु के साथ कठिनाइयों को और बढ़ा देती हैं। यहां ज्यादातर हिस्से में लोग नहीं रहते हैं और कनेक्टिविटी की भी कमी है।’

इस रोड का काम पूरा होने से सेनाओं को अपने भारी हथियारों के साथ बॉर्डर तक पहुंचने में आसानी होगी। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ ही यह सड़क क्षेत्र के आर्थिक विकास और पर्यटन को बढ़ावा देने में भी अहम भूमिका निभाएगी।

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