असम सरकार ने मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों पर पूर्वानुमति के बिना नयी योजनाओं की घोषणा पर रोक लगायी

असम में अब मुख्यमंत्री और मंत्री भी मनमर्जी से नई योजनाओं की घोषणा नहीं कर सकेंगे। उन्हें नई योजनाओं की घोषणा से पहले अनुमति लेनी होगी। इसके साथ ही उपलब्ध संसाधनों का भी ध्यान रखना होगा। दिलचस्प बात यह है कि यह प्रतिबंध राज्य कैबिनेट ने ही लगाया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में सार्वजनिक कार्यक्रमों में नई योजनाओं की घोषणा नहीं करने का फैसला लिया गया।

सरमा ने ट्वीट कर बताया कि आधिकारिक दौरों और सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान, मंत्री केवल उन योजनाओं की जानकारी देंगे जो पहले से ही बजट या किसी अन्य सरकारी घोषणा का हिस्सा हैं। मुख्यमंत्री और अन्य मंत्री पर्याप्त वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता को ध्यान में रखे बिना कोई नई घोषणा नहीं करेंगे। हालांकि, विभागों से परामर्श और समारोह के दौरान किए गए अनुरोध के अनुसार योजनाओं को शुरू किया जा सकेगा। इसके साथ ही कैबिनेट ने फैसला लिया कि असम विधानसभा का बजट सत्र 14 मार्च से शुरू होगा।

कैबिनेट बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री केशव महंत ने कहा कि मुख्यमंत्री की सड़क यात्रा के दौरान यातायात बाधित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हो, तो यातायात को केवल दो मिनट की अवधि के लिए रोका जा सकेगा। ऐसे मामलों में भी, एंबुलेंस की आवाजाही को सीएम के काफिले पर प्राथमिकता दी जाएगी और इसे रोका नहीं जाएगा।

महंत ने कहा कि जनता की असुविधा को कम करने के लिए मुख्यमंत्री का काफिला गुवाहाटी में छह कारों और राज्य के बाकी हिस्सों में 12 वाहनों तक सीमित रहेगा, जिसमें एस्कार्ट और पायलट वाहन शामिल नहीं हैं। इसके साथ ही सरकारी समारोहों के दौरान मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों को बधाई देने और उपहार देने की प्रथा को बंद कर दिया जाएगा।

समाचार एजेंसी प्रेट्र के मुताबिक यूनाइटेड गोरखा पीपुल्स आर्गनाइजेशन (यूजीपीओ) और तिवा लिबरेशन आर्मी (टीएलए) के 246 उग्रवादियों ने गुरुवार को यहां असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के सामने औपचारिक रूप से आत्मसमर्पण कर दिया। 169 यूजीपीओ और 77 टीएलए उग्रवादियों का मुख्यधारा में स्वागत करते हुए सरमा ने कहा कि बराक घाटी में दो और ब्रू-रियांग उग्रवादी संगठन फरवरी में हथियार डाल देंगे। यूजीपीओ और टीएलए के उग्रवादियों ने सरमा के सामने 277 आग्नेयास्त्र, 720 कारतूस और हथगोले जमा किए।

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