राज्यसभा में पास हुआ बैंकिंग विनियम (संशोधन) बिल

बैंकिंग रेगुलेशन बिल अब राज्यसभा की मंजूरी के बाद कानून बन गया है। लोकसभा से पिछले सप्ताह ही इस बिल को मंजूरी मिल गई थी। इस नए कानून के तहत देश के सहकारी बैंक आरबीआई के सुपरविजन में काम करेंगे। देश में सहकारी बैंकों की लगातार बिगड़ती वित्तीय सेहत और गड़बड़ी के मामले सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने बैंकिंग रेगुलेशन ऐक्ट, 1949 में संशोधन का फैसला लिया था। लोकसभा से बिल की मंजूरी के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बीते दो सालों से कॉपरेटिव बैंक और छोटे बैंकों में रकम जमा करने वाले लोगों को परेशानियों को सामना करना पड़ रहा था। ऐसे लोगों के हितों की रक्षा के लिए कानून में संशोधन का फैसला लिया गया है।

इससे पहले केंद्र सरकार ने सहकारी बैंकों को रिजर्व बैंक के तहत लाने के लिए जून में एक अध्यादेश जारी किया था। अब नया कानून इस अध्यादेश की जगह लेगा। बता दें कि नियम के मुताबिक किसी भी अध्यादेश को 6 महीने तक ही लागू किया जा सकता है। ऐसे में उसे बनाए रखने के लिए 6 महीने की अवधि के दौरान ही उससे संबंधित विधेयक को संसद की मंजूरी मिलना जरूरी है। अब देश के 1,482 अर्बन और 58 मल्टीस्टेट कॉपरेटिव बैंक आरबीआई के तहत आएंगे।

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