भारत बायोटेक ने कोरोना की अपनी वैक्सीन के इमर्जेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मांगी है. उसने इसके लिए केंद्रीय औषधि नियामक को आवेदन भेजा है. भारत बायोटेक हैदराबाद की फार्मा कंपनी है. इससे पहले फाइजर और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कोरोना की अपनी वैक्सीन के इमर्जेंसी इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन कर चुकी हैं.
भारत बायोटेक के टीके का नाम कोवैक्सीन है. कंपनी भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ मिलकर देश में ही इस टीके को बना रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार दिसंबर को एक सर्वदलीय बैठक में उम्मीद जताई थी कि कोविड-19 का टीका कुछ सप्ताह में तैयार हो सकता है.
4 दिसंबर को ही अमेरिकी फार्मास्युटिकल कंपनी फाइजर की भारतीय इकाई ने केंद्रीय औषधि नियामक से अपने टीके के आपात उपयोग की मंजूरी मांगी. इससे पहले इस कंपनी को ब्रिटेन और बहरीन में इस तरह की स्वीकृति मिल चुकी है.
सीरम इंस्टीट्यूट ने ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ के लिए छह दिसंबर को इस संबंध में मंजूरी मांगी थी. भारत बायोटेक, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया तथा फाइजर के आवेदनों पर केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) में कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति आने वाले दिनों में विचार करेगी.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया, ”हालांकि इनमें से अभी तक कोई भी आवेदन समिति को नहीं भेजा गया है और इस बारे में कोई तारीख तय नहीं की गयी है जब समिति आवेदनों का मूल्यांकन करने के लिए बैठक करेगी.”