गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने नामसाई में अरुणाचल प्रदेश-असम सीमा विवाद पर एक अहम बैठक की। इस बैठक को लेकर पेमा खांडू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह की तरफ से विवाद को टेबल पर हल करने का निर्देश दिया गया है। यह विवाद सात दशकों से चला आ रहा है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि असम अरुणाचल के बॉर्डर का विवाद 7 दशक पुराना है। अरुणाचल प्रदेश और असम के बीच (सीमा) विवाद अब कम या प्रतिबंधित कर दिया गया है। अब 123 गावों के जगह सिर्फ 86 गांवों में विवाद है, यह ऐतिहासिक है।
उन्होंने कहा कि यह नामसाई घोषणा आगे की कार्रवाई के लिए भारत सरकार को भेजी जाएगी। अगर किसी गांव से 15 सितंबर से पहले कोई ठोस प्रस्ताव आता है तो हम उसे भी भेजेंगे। कुछ विवाद रहने पर बातचीत करने के लिए एक अंतरिम समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि तब तक विकास गतिविधि, स्कूल, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़कें और यथास्थिति बनी रहेगी। हम लोगों को परेशान नहीं करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जो कहा था कि हम उसे पूरा करने की कोशिश करेंगे कि इस मुद्दे को इस साल के भीतर सुलझा लिया जाएगा।
अरुणाचल-असम के बीच सुलझेगा सीमा विवाद
अमित शाह ने कहा था कि अरुणाचल और असम के बीच विवाद इस साल तक सुलझाए जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा था कि अरुणाचल और असम की सरकारें अंतर-राज्यीय सीमा विवाद के सौहार्दपूर्ण और स्थायी समाधान के लिए काम कर रही हैं। अरुणाचल को असम से अलग करके बनाया गया था और शुरू में यह एक केंद्र शासित प्रदेश था। यह 1987 में एक पूर्ण राज्य बन गया। दोनों राज्य 804.1 किमी लंबी सीमा साझा करते हैं। उत्तर-पूर्वी राज्यों के पुनर्गठन के दौरान उत्पन्न हुआ सीमा मुद्दा अब सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।