सीएए: अब राज्यों में अलग-अलग भाषाएं बोलने वालों को निशाना बनाएगी भाजपा- स्टालिन

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने रविवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह केवल एक संकेत है और भाजपा भविष्य में प्रत्येक राज्य में विभिन्न भाषाएं बोलने वाले लोगों को निशाना बनाने के लिए भी कानून लाएगी। 

‘इतिहास खुद को दोहराएगा’
स्टालिन ने साल 2004 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के ‘इंडिया शाइनिंग’ का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उस समय के सर्वेक्षणों में भी भाजपा के समर्थन में लहर की संभावना जताई गई थी। साथ एकजुट न होने के लिए विपक्ष की आलोचना की गई थी। लेकिन चुनाव के नतीजे संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के पक्ष में थे और यह सरकार अगले दस वर्षों तक चलती रही। 2024 के परिणाम 2004 की तरह होंगे। इतिहास खुद को दोहराएगा। 

‘सीएए बांटने की सियासत का हिस्सा’
सीएए के तहत नियमों को अधिसूचित करने के बारे में पूछे जाने पर स्टालिन ने कहा, “सीएए भाजपा की विभाजनकारी राजनीति का हिस्सा है और यह अब केवल अल्पसंख्यकों के खिलाफ प्रतीत होता है। लेकिन भविष्य में भाजपा राज्य में विभिन्न भाषा बोलने वाले लोगों को निशाना बनाते हुए नए कानून लाएगी। सीएए इसकी शुरुआत है।” 

‘रंगे हाथों पकड़ी गई भाजपा’
चुनावी बॉन्ड के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा, “भाजपा द्रमुक और अन्य दलों पर आरोप लगा रही है। उसने चुनाव धन जुटाने के लिए किस पर दबाव डाला, इसकी जांच की जानी चाहिए। भाजपा रंगे हाथों पकड़ी गई है।” उन्होंने कहा, “द्रमुक अपने पहले चुनाव (1957) का सामना करने के बाद से चुनावी फंड जुटा रही है। द्रमुक के संस्थापक सीएन अन्नादुरई ने 1967 के चुनावों के दौरान 10 लाख रुपये का लक्ष्य रखा गया था। कलैनार (द्रमुक के दिवंगत नेता एम करुणानिधि) ने तब 11 लाख रुपये जुटाए थे। द्रमुक के लिए पैसा जुटाना और ऐसी एकत्रित राशि की ऑडिट करना सामान्य बात है। हमने उसी पारदर्शी तरीके से चुनाव बॉन्ड के जरिए धन जुटाया है।” 

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