कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता सरकार से पूछा- हनुमान जयंती पर शांति सुरक्षित के लिए क्या कदम उठाए जा रहे?

पश्चिम बंगाल में पिछले हफ्ते राम नवमी जुलूस के दौरान हुई हिंसा को देखते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा है। कोर्ट ने बुधवार को सरकार को निर्देश दिया कि स्टेट पुलिस की मदद के लिए केंद्रीय बल मुहैया कराए जाएं। कोर्ट ने कहा कि आम जनता की सुरक्षा हर हाल में बनी रहे और किसी भी तरह की अव्यवस्था का शिकार नहीं बनें।

कोर्ट ने कहा- रोकथाम इलाज से बेहतर

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवगणनम की डिवीजन बेंच ने यह देखते हुए कि “रोकथाम इलाज से बेहतर है” सरकार को निर्देश दिया कि गुरुवार को जब हनुमान जयंती की रैली निकाली जाए तो शांति भंग को रोकने के लिए केंद्रीय बलों की मदद ली जाए।

रामनवमी शोभा यात्राओं के दौरान हावड़ा और हुगली जिलों में हुई थीं साम्प्रदायिक झड़पें

अदालत ने केंद्र को यह भी निर्देश दिया कि वह बंगाल से अनुरोध प्राप्त होने के बाद बलों की तैनाती के लिए तेजी से व्यवस्था सुनिश्चित करे। राज्य में पिछले सप्ताह रामनवमी शोभा यात्राओं के दौरान हावड़ा और हुगली जिलों में साम्प्रदायिक झड़पें हुई थीं। इसके बाद हाईकोर्ट ने बुधवार तक सरकार से कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।

रामनवमी के आसपास घटनाएं उस समय भड़क उठीं, जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भाजपा शासित केंद्र के खिलाफ धरने पर बैठी थीं। इस प्रकार बंगाल के फंड से इनकार करने और जांच एजेंसियों का उपयोग करके अपने नेताओं को निशाना बनाने के केंद्र के खिलाफ उनके अभियान से ध्यान हटा लिया।

दोनों तरफ से एक-दूसरे के खिलाफ हिंसा करने का आरोप लगाया गया। टीएमसी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अपना एजेंडा चलाने के लिए लोगों को हिंसा में झोंक रही है। जबकि भाजपा का कहना था कि राज्य सरकार स्थिति से निपटने में हिंदू विरोधी रवैया अपना रही है और भेदभाव कर रही है।

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