दिव्यांग बच्चे को विमान में बैठने से रोकने की घटना: हवाई कंपनी पर बनता है नियम तोड़ने का मामला

इंडिगो एयरलाइन के कर्मचारियों की तरफ से पिछले हफ्ते एक दिव्यांग बच्चे को रांची हवाईअड्डे पर विमान में चढ़ने से रोकने के मामले में डीजीसीए का बयान आया है। विमानन नियामक ने कहा है कि प्रथम दृष्टया इंडिगो को नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया है। एयरलाइन को मामले में शोकॉज नोटिस जारी कर दिया गया है। 

गौरतलब है कि इंडिगो ने बच्चे को विमान में सफर की अनुमति न देने को लेकर कहा था कि वह यात्रा करने से घबरा रहा था। इस घटना की जांच डीजीसीए ने की। केंद्रीय नागर उड्डयन एवं विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस पर ट्वीट भी किया और कहा कि पूरी जांच उनकी निगरानी में ही होगी। सिंधिया के सख्त तेवर के बाद एयरलाइन ने इस मामले में माफी मांगी थी। 

मामले पर क्या बोले थे सिंधिया?
सिंधिया ने सोमवार सुबह कहा, “इस तरह के बर्ताव हम बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। किसी भी व्यक्ति को इस तरह के हालात से नहीं गुजरना चाहिए। मैं इस मामले की जांच खुद कर रहा हूं, जिसके बाद जरूरी कार्रवाई की जाएगी।” इसके बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने विशेष रूप से विकलांग बच्चे को बोर्डिंग फ्लाइट से रोकने के लिए इंडिगो के खिलाफ एफआईआर की मांग की है। 

क्या था इंडिगो के सीईओ का बयान?
इसके बाद इंडिगो के सीईओ ने एक बयान जारी कर कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण अनुभव के लिए हम प्रभावित परिवार के प्रति गंभीर खेद व्यक्त करते हैं। घटना के बारे में पूछे जाने पर इंडिगो ने कहा कि विकलांग बच्चा सात मई को अपने परिवार के साथ उड़ान में नहीं जा सका क्योंकि वह घबरा रहा था। ग्राउंड स्टाफ ने आखिरी मिनट तक उनके शांत होने का इंतजार किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद एयरलाइन ने उन्हें होटल में ठहरने की सुविधा देकर परिवार को आराम दिया और उन्होंने अगली सुबह अपने गंतव्य के लिए उड़ान भरी।

कंपनी ने कहा कि हमें यात्रियों को हुई असुविधा के लिए खेद है। इंडिगो एक समावेशी संगठन होने पर गर्व करता है, चाहे वह कर्मचारियों के लिए हो या उसके ग्राहकों के लिए, और 75,000 से अधिक विकलांग यात्री हर महीने इंडिगो के साथ उड़ान भरते हैं।

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