केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के परिचालन पर 31 जनवरी तक लगाई रोक

ओमिक्रोन वेरिएंट के देश में बढ़ते मामलों के बीच कमर्शियल पैसेंजर सर्विस (वाणिज्यिक यात्री सेवाओं) के निलंबन को 31 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया गया है. सर्कुलर में स्पष्ट किया गया है कि फ्लाइट्स के निलंबन का असर कार्गो और डीजीसीए की मंजूरी वाली फ्लाइट्स पर नहीं पड़ेगा. सर्कुलर में ये भी कहा गया है कि अलग-अलग हवाई मार्गों पर स्थिति के मुताबिक इंटरनेशनल फ्लाइट्स को मंजूरी दी जा सकती है. 

नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने ऐलान किया था कि 15 दिसंबर से शुरू होने वाली अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाओं को स्थगित कर दिया है, हालांकि कब तक उड़ानों का स्थगन किया गया है, इसकी घोषणा नहीं की गई थी. 26 नवंबर को नागर विमानन मंत्रालय ने बताया था कि 15 दिसंबर से भारत आने-जाने वाली सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें सामान्य रूप से संचालित होंगी.

भारत आने-जाने वाली सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें कोविड-19 महामारी के कारण 23 मार्च, 2020 से ही बंद हैं. हालांकि, पिछले साल जुलाई से करीब 28 देशों के साथ हुए एयर बबल समझौते के तहत विशेष अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें संचालित हो रही हैं.

कोरोना वायरस को ओमिक्रोन वेरिएंट ने पूरी दुनिया में एक नया डर पैदा कर दिया है. WHO ने इस वेरिएंट को ‘वेंरिएंट ऑफ कंसर्न’ करार दिया है और सभी देशों से सतर्क रहने को कहा है. इसी के चलते भारत एहतियाती तौर पर इस तरह के कदम उठा रहा है. एयर बबल के तहत जारी उड़ानों को लेकर भी नई गाइडलाइंस जारी की गई हैं. इसके अलावा जो देश रिस्क वाले कैटेगरी में आते हैं, वहां से आने वाले यात्रियों को लेकर अधिक सतर्कता बरतने को कहा गया है.

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