प्रदूषण के खिलाफ केंद्र का कानून, एक करोड़ जुर्माना और पांच साल जेल का प्रावधान

केंद्र सरकार ने एक नया ऑर्डिनेंस जारी किया है जिसके तहत प्रदूषण फैलाने पर भारी जुर्माने के साथ जेल भी हो सकती है. दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और यूपी में वायु प्रदूषण को रोकने, उपाय सुझाने और उसको मॉनिटर करने के लिए एक आयोग (कमीशन) बनाने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी गई है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक अध्यादेश के माध्यम से वायु प्रदूषण के खतरे से निपटने के लिए इस आयोग के लिए मंजूरी दे दी है. इस आयोग में एक अध्यक्ष और 17 सदस्य होंगे जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा. इसके साथ ही इसमें दिल्ली, हरियाणा, यूपी, पंजाब और राजस्थान के प्रतिनिधि शामिल होंगे.

आयोग में एक चेयरपर्सन के साथ साथ केंद्र सरकार, एनसीआर के राज्यों के प्रतिनिधि, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और इसरो के प्रतिनिधि शामिल होंगे. यह आयोग भूरेलाल के नेतृत्व वाले पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) की जगह लेगा. ईपीसीए का गठन सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रदूषण के मामलों में सर्वोच्च निगरानी निकाय के रूप में किया गया था.

केंद्र सरकार की तरफ से बुधवार को जारी ऑर्डिनेंस के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण फैलाने पर 5 साल तक की सजा और 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.
इसमें दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में वायु की गुणवत्ता सुधारने के लिए कमीशन नियुक्त करने की भी बात की गई है.

वायु की गुणवत्ता सुधारने के लिए बनने वाले इस कमीशन का फोकस प्रदूषण की निगरानी, नियमों को लागू करने के साथ रिसर्च और इनोवेशन पर रहेगा. यह कमीशन तीन सब कमिटी का गठन करेगा ताकि इन तीनों सेक्टर्स की जांच की जा सके.

यह समिति पराली जलाने, गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण, धूल से होने वाले प्रदूषण सहित उन सभी मामलों पर गौर करेगी जिसकी वजह से दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण फैलता है. यह कमीशन संसद में अपनी सालाना रिपोर्ट जमा करेगी.

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